समस्त पाप नाशक है माघ मास में कुंभ स्नान, कई गुना मिलता शुभ फल

पौष पूर्णिमा के साथ ही माघ स्नान हुआ शुरू। इस माह में नदियों के तट पर निवास करने का भी महत्व।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Mon, 21 Jan 2019 08:55 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jan 2019 06:15 AM (IST)
समस्त पाप नाशक है माघ मास में कुंभ स्नान, कई गुना मिलता शुभ फल
समस्त पाप नाशक है माघ मास में कुंभ स्नान, कई गुना मिलता शुभ फल

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। पौष पूर्णिमा के साथ ही सोमवार से माघ स्नान शुरू हो गया। धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से इसका बड़ा महत्व बताया गया है। ज्योतिष मर्मज्ञ पं. प्रभात मिश्र बताते हैं कि माघ मास में प्रात:काल ब्रह्म मुहूर्त में जगने के बाद नित्य क्रिया से निवृत्त हो किसी नदी में स्नान अवश्य करना चाहिए।

 इस माह में दान-पुण्य और नि:शक्त व रोगियों की सेवा करने से करोड़ों गुना शुभ फल प्राप्त होता है। इन दिनों प्रयागराज में अद्र्धकुंभ चल रहा, जिसमें एक बार डुबकी लगाने से समस्त पापों का नाश और व्यक्ति की आध्यात्मिक चेतना जागृत होती है।

माघ मास में मकर राशि में गोचर करते सूर्य

रामदयालु स्थित मां मनोकामना देवी मंदिर के पुजारी पं. रमेश मिश्र बताते हैं कि माघ मास में सूर्य मकर राशि में गोचर करते हैं। इसलिए, इस माह का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है। गुरु या इष्ट के मंत्रों का जप करने से आत्म संयम की प्राप्ति होती है। इस माह में नदियों के तट पर निवास करने का भी महत्व है। इसे कल्पवास कहा जाता है। इस दौरान संयम, धैर्य और मौन व्रत रहते हुए सात्विक जीवन जीना चाहिए।

राजा पुरुरवा को मिली थी कुरूपता से मुक्ति

कहा जाता है माघ स्नान के फलस्वरूप ही प्रतिष्ठानपुरी के राजा पुरुरवा को अपनी कुरूपता से मुक्ति मिली थी और उन्होंने सुंदर काया प्राप्त किया। इतना ही नहीं, इसी स्नान के प्रताप से गौतम ऋषि से शापित देवराज इंद्र भी शापमुक्त हुए थे।

घर पर भी कर सकते माघ स्नान

यदि आपके आसपास कोई नदी न हो या नदियों में स्नान के लिए जाने में आप असमर्थ हों तो घर में भी माघ स्नान कर पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। बस मन में पवित्रता, शुद्धता और श्रद्धा होनी चाहिए। ब्रह्म मुहूर्त में जगने के बाद स्नान करने के जल में गंगाजल डाल लें। नहाने के बाद साफ वस्त्र धारण कर भगवान का पूजन करें। यथासंभव गरीबों को भोजन करवाएं। गायों को चारा व पक्षियों को दाना डालें।

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