मुजफ्फरपुर में संस्कृत भारती के तत्वावधान में आनलाइन प्रशिक्षण की शुरुआत

संस्कृत भारती बिहार झारखंड के क्षेत्र मंत्री प्रो. श्रीप्रकाश पांडेय ने कहा कि संस्कृत को संस्कृत के माध्यम से पढ़ने-पढ़ाने पर दोषगत त्रुटियां कम होती हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 06:55 PM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 06:55 PM (IST)
मुजफ्फरपुर में संस्कृत भारती के तत्वावधान में आनलाइन प्रशिक्षण की शुरुआत
मुजफ्फरपुर में संस्कृत भारती के तत्वावधान में आनलाइन प्रशिक्षण की शुरुआत

मुजफ्फरपुर। संस्कृत भारती बिहार झारखंड के क्षेत्र मंत्री प्रो. श्रीप्रकाश पांडेय ने कहा कि संस्कृत को संस्कृत के माध्यम से पढ़ने-पढ़ाने पर दोषगत त्रुटियां कम होती हैं। वेद में कहा गया है कि दोषगत भाषा अनिष्ट करती है। इसलिए शुद्धोच्चारण पर बल देना चाहिए। उन्होंने फैशन की तरह संस्कृत बोलने की आदत डालने की अपील की। वे बुधवार को संस्कृत भारती के तत्वावधान में आनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण वर्ग की शुरुआत कर रहे थे।

संस्कृत भारती के प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ. रामसेवक झा ने बताया कि प्रशिक्षण की शुरुआत केवल बिहार के स्थायी निवासियों के लिए हुई है। पहले दिन परिचय वर्ग का आयोजन किया गया। 20 अगस्त तक प्रशिक्षण का संचालन होगा। प्रशिक्षु प्रतिदिन एक घंटे प्रशिक्षण प्राप्त कर धाराप्रवाह संस्कृत बोलने का अभ्यास करेंगे।

उत्तर बिहार के संगठन मंत्री विवेक कौशिक ने कहा कि बिहार के कुल 110 लोगों ने प्रशिक्षण के लिए अपना पंजीकरण कराया है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षण की दृष्टि से प्रशिक्षण वर्ग को तीन भागों में बांटा गया है। प्रतिदिन संध्या पांच से छह में प्रथम कक्षा, छह से सात में द्वितीय कक्षा तथा साढ़े सात से साढ़े आठ बजे तक तृतीय कक्षा का संचालन होगा। इसके लिए 15 दिनों के विशेष प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनरों को तैयार किया गया है, जो सभी प्रशिक्षुओं को ट्रेनिग देकर संस्कृत बोलना सिखाएंगे। शुभारंभ डॉ.विभाकर दूबे के वैदिक मंगलाचरण से हुआ। ध्येयमंत्र का पाठ राजकिशोर ने किया। स्वागत भाषण संदीप कुमार मिश्र ने किया। संचालन अंशु कुमारी तथा धन्यवाद ज्ञापन राजेश मिश्र ने किया। मौके पर प्रांत शिक्षण प्रमुख देवनिरंजन, गीता कुमारी, डॉ. रामेश्वरधारी सिंह, दरभंगा जिला संयोजक डॉ. त्रिलोक झा, मनीष कुमार झा, विद्यासागर झा, संतोष कुमार झा, हरिशंकर सहित आदि शामिल हुए।

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