अक्षय नवमी आज, अक्षय फल देने वाला है आंवला नवमी

इसी दिन हुआ था द्वापर युग का आरंभ। संतान व परिवार की सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है व्रत।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 10:38 PM (IST) Updated:Sat, 17 Nov 2018 06:00 AM (IST)
अक्षय नवमी आज, अक्षय फल देने वाला है आंवला नवमी
अक्षय नवमी आज, अक्षय फल देने वाला है आंवला नवमी

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी के नाम से जाना जाता है। इसे अक्षय नवमी भी कहते हैं। कहा जाता है कि इस दिन किया गया कोई भी शुभ कार्य अक्षय फल देने वाला होता है। आंवला नवमी का महत्व इसी से समझा जा सकता है कि इसी दिन द्वापर युग का प्रारंभ हुआ था। इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण वृंदावन-गोकुल छोड़कर मथुरा प्रस्थान किए थे। पंडितों के अनुसार, आंवला नवमी का व्रत संतान और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है। अगर पति-पत्नी दोनों साथ में यह व्रत रखें तो उन्हें इसका दोगुना शुभ फल प्राप्त होता है।

आंवला वृक्ष की करते पूजा

इस दिन सुबह स्नानादि के बाद किसी आंवला वृक्ष के पास साफ-सफाई कर वृक्ष की पूजा की जाती है। जड़ में शुद्ध जल व कच्चा दूध अर्पित किया जाता है। फिर विविध पूजन सामग्री से विधिवत पूजा कर आंवला वृक्ष की परिक्रमा करते हुए उसके तने में कच्चा सूत या मौली लपेटा जाता है। परिवार की सुख समृद्धि की कामना की जाती है। परिवार के सभी सदस्य व मित्रों संग आंवला वृक्ष के नीचे बैठकर भोजन भी किया जाता है। इस दिन आंवल फल के सेवन का खास महत्व बताया गया है। आयुर्वेदाचार्य सह कर्मकांड विशेषज्ञ पं.जयकिशोर मिश्र बताते हैं कि आयुर्वेद में आंवला को आयु और आरोग्यवर्धक कहा गया है। अक्षय नवमी के दिन आंवला वृक्ष की पूजा कर उसके नीचे बैठकर भोजन करने का बड़ा ही महत्व है। माना गया है कि इससे व्यक्ति को आरोग्य लाभ होता है। 

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