Samastipur News : समस्तीपुर में डरा रहा एड्स का आंकड़ा, सात महीने में 150 से ज्‍यादा मिले पॉजीटिव

हम साथी एप की मदद से लें एचआइवी संक्रमण की जानकारी इलाज करा रहे एड्स पीड़ितों को प्रत्येक महीने दिया जाना है 15 सौ सहायता भत्ता एड्स के खिलाफ लड़ाई में कोरोना बनी गई थी बाधा Samastipur News HIV positive

By DharmendraEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 03:34 PM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 03:34 PM (IST)
Samastipur News : समस्तीपुर में डरा रहा एड्स का आंकड़ा, सात महीने में 150 से ज्‍यादा मिले पॉजीटिव
समस्तीपुर के हसनपुर प्रखंड में सबसे अधिक सक्रमित मिल रहे।

समस्तीपुर, जेएनएन। सात महीने की अवधि में समस्तीपुर जिले में डेढ़ सौ से अधिक एचआइवी पॉजीटिव मरीज पाए गए हैं। यह चिंता करने की बात है। क्‍योंकि इतनी जागरूकता और सरकार के प्रयासों के बावजूद इतनी बड़ी संख्‍या में लोग संक्रमित हो रहे हैं। जिले में सबसे अधिक हसनपुर प्रखंड में सक्रमित मरीज मिल रहे है। हसनपुर को डेंजर जोन में शामिल किया गया है। इस वर्ष अप्रैल से अक्टूबर तक की जांच में 150 से अधिक पॉजीटिव मरीज मिले। यह संख्या और अधिक हो सकती थी लेकिन कोरोना महामारी के कारण सरकारी अस्पताल में जांच कार्य लगभग तीन माह तक बंद था। चिकित्सक एचआइवी पॉजिटिव मरीजों को परहेज व संयम बरतने की सलाह दे रहे हैं। पिछले कई वर्षों से मरीजों की संख्या में इजाफा होने की वजह से डेंजर जोन होने के बाद एआरटी सेंटर खोला गया था, ताकि मरीजों को इलाज के लिए दूसरे जगह नहीं जाना पड़े। इसमें एड्स मरीजों की जांच व इलाज की व्यवस्था है। चिकित्सकों की माने तो असुरक्षित यौन संबंध स्थापित करने से एड्स फैलने की संभावना अधिक रहती है।

 समस्तीपुर में 3385 एड्स संक्रमित

एड्स के संक्रमण से समस्तीपुर जिला भी अछूता नहीं है। जिले में 3385 एड्स संक्रमित मरीज रजिस्टर्ड हैं। जिले में यह एड्स तेजी से अपना पांव पसार रहा है। इसमें से फिलहाल 3208 मरीज ही दवा ले रहे है। इसके अलावा 71 मरीजों की मौत हो चुकी है। वहीं, 106 मरीजों ने दवा खानी ही छोड़ दी है। इसमें वर्ष 2014 से 2016 तक 1469 मरीज थे। वित्तीय वर्ष 2016-17 में 378 मरीज भर्ती हुए। इसके बाद वित्तीय वर्ष 2017-18 में बढ़ कर 422 नए मरीज हो गए। फिर, 2018-19 में 476 मरीज, 2019-20 में 490 का इलाज शुरू हुआ। अब वित्तीय वर्ष 2020-21 में अक्टूबर तक 150 नए मरीज पहुंच चुके है। जबकि अक्टूबर 2020 तक यह आंकड़ा 3385 पर पहुंच चुका है। एड्स की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एड्स संक्रमित में बच्चों की संख्या 250 पर पहुंच चुकी है। पांच बच्चों की मौत भी हो चुकी है।

 1097 हेल्पलाइन व हम साथी एप से मिलेगी जानकारी

 बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा एचआइवी एड्स हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। हेल्पलाइन नंबर 1097 से एड्स संक्रमण होने के कारणों व बचाव के बारे में जानकारी ली जा सकती है। इसके साथ ही यदि एड्स की जांच या एड्स संबंधी इलाज सुविधा की भी सूचना प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही हम साथी एप डाउनलोड कर एड्स से संबंधित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह एप एड्स के प्रति जागरूकता लाने और बच्चों में मां के माध्यम से एड्स के संक्रमण को रोकने के लिए विभिन्न जानकारियां मुहैया कराता है।

एचआइवी मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहा एआरटी सेंटर

सदर अस्पताल में एआरटी सेंटर एचआइवी मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहा है। संक्रमित लोगों को दूसरे शहरों में नहीं जाना पड़ रहा है। यहां तक कि अब उन्हें अंत्योदय समेत अन्य सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का भी लाभ मिल रहा है। सेंटर में एचआइवी पॉजिटिव मरीजों की खून जांच से लेकर इलाज तक की समुचित व्यवस्था है। चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. पंकज कुमार का कहना है क‍ि एड्स छूआछूत की बीमारी नहीं है। यह बीमारी एड्स पीड़ित मरीज को छूने से नहीं फैलता है। यह बीमारी इंफ्टेड इंजेक्शन, असुरक्षित यौन संबंध, गलत खून चढ़ाने आदि कारणों से लोगों में यह बीमारी होती है। उम्र भर लेनी पड़ती दवा एचआइवी पॉजिटिव मरीजों की तीन राउंड तक जांच होती है। उसके बाद एचआइवी पॉजिटिव कंफर्म होने पर एड्स कंट्रोल सोसाइटी द्वारा उस मरीज का कार्ड बना दिया जाता है और उसे महीने भर की दवा एक बार दी जाती है। पूरी उम्र तक दवा खानी पड़ती है। हर महीने केंद्र से मरीज दवा ले जाते हैं। इसके लिए उन्हें कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है।

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