Sitamarhi news: वर्षों बाद एसएलके कॉलेज के भवन का हो रहा काया कल्प, बहुरने वाले हैं दिन
Sitamarhi news जर्जर भवन को ठीक करने कार्य तेजी से चल रहा है। नए प्राचार्य के पद पर योगदान दिए डॉ. अनिल कुमार सिन्हा ने चुनौती के रूप में लिया महाविद्यालय के विकास को। चारों तरफ चल रहा काम।
सीतामढ़ी, जासं। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में जिले में दूसरे पायदान पर स्थित श्री लक्ष्मी किशोरी कॉलेज के दिन बहुरने वाले हैं। जर्जर हो चुके इसके भवन का काया कल्प होने से छात्रों व यहां कार्यरत शिक्षक व शिक्षकेत्तरकर्मियों में खुशी है। यह सब हुआ है बीते तीन माह में, जब नए प्राचार्य के रूप में डॉ.अनिल कुमार सिन्हा ने यहां कार्यभार संभाला। वर्षों से तीन माह पूर्व तक महाविद्यालय की दीवारों पर 5 फीट से 7 फीट ऊंचे बरगद, पीपल और पाकड़ के वृक्ष जमकर दीवारों को जर्जर कर दिया था। उसके मोटे-मोटे जड़ों ने ईंटों को बाहर निकालकर अपनी जड़ जमा लिया था। एक ईंट हटाकर कक्ष के अंदर आसानी से जाया जा सकता था और यही कारण था कि कॉलेज परिसर में दो-दो बार चोरी भी हो चुकी थी।
कुर्सियां , टेबुल टूट गए थे, प्रयोगशालाएं खंडहर का रूप ले चुके थे। वर्ग के कक्षों की स्थिति अति दयनीय हो चुकी थी। इस प्रमुख शिक्षण संस्थान को अपने भाग्य पर छोड़ दिया गया था किसी भी तरह के विकास पर ध्यान नहीं दिया। उसी का परिणाम था महाविद्यालय की जर्जर व्यवस्था। इसी वर्ष 8 सितंबर को नए प्राचार्य के पद पर योगदान दिए डॉ. अनिल कुमार सिन्हा ने महा विद्यालय के विकास को चुनौती के रूप में लिया। उन्होंने कॉलेज के कायाकल्प करने का ठान रखा है और उसी का परिणाम है कि 50 वर्षों बाद कॉलेज में दीवारों पर प्लास्टर का कार्य पूर्ण हुआ है।
प्राचार्य कक्ष, परीक्षा नियंत्रण कक्ष एवं प्राध्यापक कक्ष को एक नए ढंग से सुसज्जित किया गया है। आज कुछ हिस्सा को देखने से ऐसा लगता है कि क्या वही कॉलेज है। जर्जर भवन का काया कल्प कर विकास कार्य चल रहा है। प्राचार्य डॉ. अनिल कुमर सिन्हा ने बताया कि जिस कॉलेज में 11 हजार से अधिक विद्यार्थी अध्यनरत हैं और जो अपने इतिहास पर गर्व करता हो उसको दयनीय स्थिति में नहीं छोड़ा जा सकता इसलिए आज कॉलेज के चौमुखी विकास पर ध्यान देने के साथ ही बच्चों के वर्ग संचालित होने पर भी ध्यान दिया जा रहा है। मां जानकी का आशीर्वाद रहा तो कालेज गौरवशाली स्थान प्राप्त करेगा।