शिवहर में बारिश के बाद जलजमाव से धान बन गया फिर से बिचड़ा

तैयार फसल के अंकुरित होने से किसानों में हाहाकार की स्थिति। डुमरी कटसरी प्रखंड के जहांगीरपुर में सैकड़ों हेक्टेयर में लगी धान की फसल बर्बाद।बारिश के पानी ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। पूरी तरह से निराशा का माहौल।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 11:30 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 11:30 AM (IST)
शिवहर में बारिश के बाद जलजमाव से धान बन गया फिर से बिचड़ा
जिले की 30 फीसद धान की फसल हो गई बर्बाद। फोटो- जागरण

शिवहर, जासं। इलाके में लगातार पांच दिनों से जारी बारिश का कहर गुरुवार को थम गया। लेकिन बारिश से उत्पन्न जलजमाव की परेशानी बरकरार है। बारिश के पानी ने फसलों की बर्बादी की कहानी लिख डाली हैं। वही किसानों की जिंदगी बदरंग कर दी है। बारिश और इससे उत्पन्न जलजमाव में किसानों के अरमान डूब गए है और हाहाकार की स्थिति है। यूं तो बारिश की वजह से पूरे जिले की 30 फीसद से अधिक खेतों में लगी धान की फसल बर्बाद हुई है। लेकिन जिले के डुमरी कटसरी प्रखंड के जहांगीरपुर समेत आसपास की सैकड़ों हेक्टेयर में लगी धान की तैयार फसल दोबारा बिचड़ा में तब्दील होकर रह गया है। तेज हवा के साथ हुई बारिश के चलते धान की तैयारी बाली झड़कर गिर पड़ी और जलजमाव के चलते धान दोबारा अंकुरित होकर बिचड़ा बन गया है। ऐसे में बारिश के पानी ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। चार-चार बार बाढ़ की तबाही के चलते रोपनी करने और महंगे दर पर खाद, बीज खरीद मेहनत के बल पर किसानों ने खेतों में सोना उपजाया था। एक सप्ताह पूर्व खेतों में लगी फसल देखकर किसान खुशी से झूम रहे थे। लेकिन इसी बीच बारिश की तबाही ने किसानों को कंगाल कर दिया है। 

जहांगीरपुर के प्रदीप शाही, रवींद्र सिंह, रामा सिंह, रामप्रकाश शाही, बैजू सिंह, ब्रज किशोर शाही, उमाशंकर शाही, ओम प्रकाश शाही व रामेश्वर शाही समेत दर्जनों किसानों ने बताया कि, इलाके के अधिकांश किसानों की फसल बर्बाद हो गई है। धान की फसल तैयार होने के बाद अब बिचड़ा बन गया है। किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है। इन किसानों का कहना हैं कि सरकारी सहायता नहीं मिली तो इलाके के किसान कंगाल हो जाएंगे। उधर, पूर्व जिला पार्षद अजब लाल चौधरी व जिला भाजपा नेताओं ने बेमौसम बारिश से फसलों की नुकसान का सही तरीके से आकलन करा किसानों को मुआवजा देने की मांग की डीएम से की है। बताते चलें कि इस बार जिले में ढाई हजार हेक्टेयर में धान की खेती हुई थी। जिले के तरियानी प्रखंड में 7700 हेक्टेयर, पुरनहिया में 3600 हेक्टेयर,डुमरी कटसरी में 3700, शिवहर व पिपराही प्रखंड में पांच-पांच हजार हेक्टेयर में धान की खेती की गई है। 

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