समस्तीपुर के पूर्व विधायक रामाबलक सिंह को सजा मिलने के बाद उनकी पत्नी संभालेगी जदयू की कमान

सर्व सम्मति से पार्टी का विधानसभा स्तरीय संयोजक आशा रानी को बनाया गया है। कार्यकर्ताओं ने फूलमाला बुके आदि भेंट कर उनका स्वागत किया है। बैठक को संबोधित करते हुए आशा रानी ने सभी कार्यकर्ताओं से भावपूर्ण आग्रह करते हुए साथ देने की अपील की।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 09:13 AM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 09:13 AM (IST)
समस्तीपुर के पूर्व विधायक रामाबलक सिंह को सजा मिलने के बाद उनकी पत्नी संभालेगी जदयू की कमान
जानलेवा हमले व आर्म्स एक्ट के 21 साल पुराने मामले में पूर्व विधायक जेल में काट रहे सजा।

समस्तीपुर, जागरण संवाददाता। विभूतिपुर विधानसभा से पूर्व जदयू विधायक रामाबलक सिंह को सजा मिलने के बाद अब उनकी पत्नी आशा रानी उर्फ कुमारी आशा कमान संभालेगी। अब वह विधानसभा क्षेत्र में अपने पति की जगह समर्थकों और कार्यकर्ताओं का नेतृत्व करेंगी। उक्त निर्णय शिवनाथपुर गांव स्थित पूर्व विधायक के आवासीय परिसर में आयोजित जदयू की विस्तारित बैठक में लिया गया। इसकी पुष्टि जदयू प्रखंड अध्यक्ष अशोक पटेल ने की। कहा कि सर्व सम्मति से पार्टी का विधानसभा स्तरीय संयोजक आशा रानी को बनाया गया है। कार्यकर्ताओं ने फूलमाला, बुके आदि भेंट कर उनका स्वागत किया है। बैठक को संबोधित करते हुए आशा रानी ने सभी कार्यकर्ताओं से भावपूर्ण आग्रह करते हुए साथ देने की अपील की। सभी को पूरा मान सम्मान दिए जाने को लेकर आश्वस्त किया है। बैठक को जदयू प्रखंड अध्यक्ष अशोक पटेल, सत्यनारायण राय, तरूण कुमार सिंह, नरेश प्रभाकर, डाॅ. रामाशीष प्रसाद सिंह, रामचन्द्र महतो, चांदनी देवी, प्रीति कुमारी, अशोक झा, विनोद भगत, अमर सिंह आदि ने संबोधित किया। वक्ताओं ने पूर्व विधायक राम बालक सिंह पर दर्ज मुकदमा पर विस्तार पूर्वक चर्चा की। कहा कि सजा वाला मुकदमा झूठा है। इसे उच्च न्यायालय में जाने के बाद पता चलेगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं को धैर्य पूर्वक और शांतिपूर्ण तरीके से पंचायत चुनाव की तैयारी में जुटने का आग्रह किया। पार्टी से जुड़े लोगों के प्रति एक जुटता दिखाने पर बल दिया गया। काफी संख्या में जदयू कार्यकर्ता मौजूद रहे।

पूर्व विधायक जेल में काट रहे सजा

जानलेवा हमले व आर्म्स एक्ट के 21 साल पुराने मामले में विभूतिपुर के पूर्व विधायक रामबालक सिंह और उनके भाई लालबाबू सिंह को पांच-पांच साल सश्रम कारावास की सजा सुनायी गई थी। साथ ही 15 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर दो-दो माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। विभूतिपुर निवासी व माकपा नेता ललन सिंह ने पूर्व विधायक रामबालक सिंह व उनके भाई लालबाबू सिंह पर विभूतिपुर थाने में 21 साल पूर्व 5 जून 2000 को एफआईआर दर्ज करायी थी। आवेदन में ललन सिंह ने कहा था कि 4 जून 2000 की रात शिवनाथपुर गांव में गंगा सिंह की लड़की की शादी में शामिल होने गया था। वहां उन्हें देखते ही रामबालक सिंह ने पकड़ने को कहा। वे भागने लगे। जिस पर आरोपियों ने बाइक से पीछा कर उन पर गोली चलायी। जिससे उनके हाथ की अंगुली उड़ गयी। उनके बेहोश होकर गिरने और लोगों को आते देख सभी आरोपी घटनास्थल से भाग निकले थे। 

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