पश्चिम चंपारण में झमाझम बारिश के बाद एकबार फिर दियारे के लोगों की बढ़ी बेचैनी

आसमान में बादल देख दियारे के लोगों की बढ़ जाती है धड़कन कभी घर तो कभी तटबंध का चक्कर लगा रहे है दियरावर्ती गांव के लोग। मवेशियों के लिए चारे का प्रबंध हो रहा है। सूखा चारा पूरी तरह से बाढ़ में बर्बाद हो गया है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 03:23 PM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 03:23 PM (IST)
पश्चिम चंपारण में झमाझम बारिश के बाद एकबार फिर दियारे के लोगों की बढ़ी बेचैनी
नौतन के शिवराजपुर छरकी में गांव के समीप जमा पानी। जागरण

पश्‍च‍िम चंपारण [ प्रदीप दुबे] । प्रखंड के शिवराजपुर छरकी, भगवानपुर, बिसंभरपुर दियारे के लोगों को अब थोड़ी राहत मिली है। गंडक नदी के जलस्तर में कमी आई है। इनके घरों से पानी निकल चुका है। चंपारण तटबंध से ये लोग अब अपने घरों की ओर लौट गए हैं। घरों की साफ- सफाई व पुरानी दिनचर्या में लौटने की कोशिश में लगे है। मवेशियों के लिए चारे का प्रबंध हो रहा है। सूखा चारा पूरी तरह से बाढ़ में बर्बाद हो गया है। अभी मवेशियों के लिए हरा चारा हीं एकमात्र विकल्प है। वह भी खेतों में पानी भर जाने के कारण हरा चारा का प्रबंध कराना भी मुश्किल हो गया है। बाढ़ पीडित शंभू पासवान ने बताया कि नदी के जलस्तर में कमी जरूर हुई है। लेकिन बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है। आसमान में बादल देख दियारे के लोगों की धड़कन तेज हो जा रही है। एक सप्ताह तक चंपारण तटबंध पर दिन- रात गुजारने के बाद कुछेक लोग गांवों में लौटे हैं। लेकिन, लगता है कि फिर आशियाना चंपारण तटबंध पर हीं बसाना पड़ेगा।

काफी मशक्कत के बाद रहने लायक बनाया आशियाना

अंचल क्षेत्र के दियरावर्ती इलाकों में गंडक नदी के उफान से कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया था।इस बार समय से पहले ही मानसून की आगमन के बाद बारिश कई दिनो तक होती रही ।जिसके कारण चंपारण तटबंध के निचले व दियरावर्ती क्षेत्र में रह रहे लोगों के घरों मे पानी भर गया। लोग किसी तरह अपने जरूरी समानों को बचाने मे लगे रहे। तभी गंडक की उफान ने सभी गावों को पानी से घेर लिया तथा घरों मे भी पानी घुस गया। डर के मारे अपने व अपने परिजनों के जान बचाने के लिए सभी लोग गाँव छोड चंपारण तटबंध पर आ गये।वहा बांस के सहारे तंबू तान अपना जीवन बसर करने लगे।इधर जब बाढ का पानी उनके घरों से कम हुआ तो सभी लोग अपने अपने घरों में लौटे हैं। लेकिन, शुक्रवार की दोपहर में हुई बारिश से फिर दियारे के लोग डर गए हैं। ।

इस वर्ष पहले आ गई बाढ़

बाढ पीडित शंकर पासवान, प्रमोद पासवान, अमरजीत यादव, बेचू चौधरी ने बताया कि बरसात का समय आते ही सभी निचले हिस्से में रहने वाले लोग सतर्क हो जाते है। इस वर्ष काफी पहले बाढ़ आ गई। सभी लोगों को तटबंध की तरफ जाना पड़ा। शिवराजपुर छरकी, भगवानपुर, बिसम्भरपुर की करीब 3000 आबादी को कभी चंपारण तटबंध तो कभी दियारे में आना पड़ता है।

--एक सप्ताह से ज्यादा घरों मे पानी रहता है तो उन्हें सरकार के तरफ से मिलने वाली सहायता मिलती है।अभी फिलहाल सभी लोग अपने घरों पर चले गये है। बाढ़ की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। -भास्कर, अंचलाधिकारी, नौतन

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