मुजफ्फरपुर में पेयजल संकट के बाद लोगों को आ रही तीन पोखरिया की याद, आपके पास के पोखर तो नहीं सूख रहे?

दो साल से लंबित है पोखर का विकास काम शुरू करने के नाम पर निकाल दिया जाता है पानी। मुख्यमंत्री नगर विकास योजना मद से जीर्णोद्धार को मिले हैैं 84.75 लाख रुपये बुडको को कराना है कार्य। हो रही देरी से लोगों में आक्रोश।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 08:30 AM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 08:30 AM (IST)
मुजफ्फरपुर में पेयजल संकट के बाद लोगों को आ रही तीन पोखरिया की याद, आपके पास के पोखर तो नहीं सूख रहे?
दो बार पोखर के पानी की उड़ाही की जा चुकी है, लेकिन जीर्णोद्धार का कार्य शुरू नहीं हुआ।

मुजफ्फरपुर, जासं। तीन पोखरिया, नाम के अनुरूप कभी तीन पोखरों का समूह था। दो को नगर निगम व आसपास के लोगों ने कूड़ा-कचरा डालकर भर दिया। एक जो बचा है वह भी दम तोड़ रहा था। उसे बचाने के लिए स्वतंत्रता सेनानी राम संजीवन ठाकुर, वार्ड 41 की पार्षद सीमा झा व 42 की पार्षद अर्चना पंडित, सामाजिक कार्यकर्ता योगेश कुमार समेत कई लोग सामने आए। उन्होंने शासन-प्रशासन को पत्र लिखकर पोखर के जीर्णोद्धार के लिए अनुरोध किया। काफी प्रयास के बाद सरकार ने दो साल पूर्व पोखर के जीर्णोद्धार को मुख्यमंत्री नगर विकास योजना मद से 84.74 लाख रुपये आवंटित किए। काम कराने की जवाबदेही बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम (बुडको) को दी गई। तब से दो बार पोखर के पानी की उड़ाही की जा चुकी है, लेकिन जीर्णोद्धार का कार्य शुरू नहीं हुआ। दैनिक जागरण के सहेज लो हर बूंद अभियान के तहत आसपास के लोग से बातचीत की गई तो उन्होंने काम शुरू नहीं होने पर नाराजगी जताई। 

पोखर में पानी रहने से नहीं गिरता आसपास के इलाके का जलस्तर

पहले पोखर में सालों भर बारिश का पानी जमा रहने से आसपास के इलाके का भू-जलस्तर नहीं गिरता था। दो पोखरों के समाप्त होने के बाद आसपास के इलाके में हर साल भू-जलस्तर गिर जाता है और पेयजल संकट की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। बचे पोखर का जीर्णोद्धार होने से एक बार फिर इसमें बारिश का पानी संचित होगा, जिससे आसपास भू-जल भंडार रीचार्ज होगा। इसलिए यह जरूरी है कि जितना जल्द हो सके इसके विकास का कार्य पूरा हो। पूर्व पार्षद विजय कुमार झा ने कहा कि बुडको के कार्यपालक अभियंता से कई बार कार्य पूरा कराने का अनुरोध कर चुके हैं। इसके बाद भी कार्य नहीं किया जा रहा है। वार्ड पार्षद सीमा झा व अर्चना पंडित का कहना है कि पोखर के जीर्णोद्धार कार्य में लापरवाही बरती जा रही है। अब तक काम शुरू नहीं हुआ और फिर बरसात आ जाएगी।  

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