पश्चिम चंपारण में कोरोना काल के बाद शहरी लोगों को भा रही साइकिल की सवारी

5000 साइकिल की प्रतिमाह होती है बिक्री। जिले में 10 होलसेल और 90 रिटेल साइकिल बिक्री की हैं दुकानें। 80 फीसद साइकिल की खपत छात्रों में। अभी तक मध्यमवर्गीय लोगों में ही था साइकिल का क्रेज। बेहतर स्वास्थ्य के लिए धनाढ्य लोग भी सुबह-शाम साइकिल से कर रहे हैं सैर।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Wed, 01 Sep 2021 03:44 PM (IST) Updated:Wed, 01 Sep 2021 03:44 PM (IST)
पश्चिम चंपारण में कोरोना काल के बाद शहरी लोगों को भा रही साइकिल की सवारी
कोरोना काल के बाद साइकिल की बिक्री में इजाफा महसूस किया जा रहा है। फोटो- जागरण

बेतिया, जागरण संवाददाता। अब तक साइकिल मध्यमवर्ग के लोगों की पहचान थी। मध्यम वर्ग के तकरीबन सभी घरों के लोग साइकिल की ही सवारी करते थे। रिश्तेदारी, बाजार और खेतों में सामान पहुंचाने तक में साइकिल का इस्तेमाल होता था। समय के साथ साइकिल का क्रेज घटता गया और मध्यम वर्ग में भी बाइक का क्रेज सर चढ़कर बोलने लगा। बुजुर्गों के गांव घर घूमने और छात्रों के स्कूल जाने तक साइकिल का दायरा सिमट कर रह गया। लेकिन कोरोना काल के बाद पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमत, आय में कमी और हेल्थ ने साइकिल के पुराने दिनों को लौटा दिया है। ग्रामीण लोगों के साथ शहरी लोगों को भी साइकिल की सवारी खूब भा रही है। उत्तम स्वास्थ्य के लिए शहर के धनाढ्य लोग, व्यवसायी, प्रोफेसर, चिकित्सक, इंजीनियर, बड़े-बड़े ऑफिसर सुबह-शाम साइकिल की सवारी कर रहे हैं। सुबह में शहर के किसी भी सड़क पर निकलने पर शहर के संपन्न और गणमान्य माने जाने वाले लोग साइकिल की सवारी करते नजर आ जाते हैं। इनका कहना है कि साइकिल की सवारी स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है। चिकित्सक भी साइकिल की सवारी को स्वास्थ्य के लिए उत्तम मानते हैं। 

चार से तीस हजार तक की साइकिल बाजार में उपलब्ध

जनता सिनेमा चौक स्थित साइकिल के थोक विक्रेता जनता साइकिल एंड ऑटो स्टोर के मालिक विष्णु जालान ने बताया कि जिले में साइकिल बिक्री की होलसेल की करीब 10 और रिटेल की 90 दुकानें हैं। जिले में प्रतिमाह करीब 5000 हजार साइकिल की बिक्री होती है। उन्होंने बताया कि कोरोना काल के पहले 80 फ़ीसदी साइकिल की खपत स्कूली छात्रों में होती थी। लेकिन कोरोना काल के बाद साइकिल की मांग बढ़ी है। संपन्न और बड़े लोग भी अपनी पसंद के खुद के लिए साइकिल खरीदने आ रहे हैं। बाजार में 4200 से लेकर 15000 तक की साइकिल उपलब्ध है। बैटरी चालित साइकिल भी आ गई है। जिसकी कीमत 35000 से 70000 के बीच है। लेकिन इसके खरीदार कम है। श्री जालान ने बताया कि ग्रामीण इलाके के लोग सिंपल साइकिल खरीदते हैं। जबकि युवाओं की पहली पसंद रेंजर साइकिल है। मार्केट में हर उम्र के लोगों के लिए अलग-अलग रेंज और डिजाइन की साइकिल उपलब्ध है। कोरोना काल के बाद साइकिल की बिक्री में इजाफा हुआ है।

लुधियाना से आती है साइकिल

साइकिल विक्रेताओं की माने तो जिले में अधिकतर साइकिल लुधियाना से आती है। पहले लोगों की पसंद सेन रेले, हीरो, एटलस, एवन आदि कंपनियों की साइकिल थी। लेकिन इनमें से कई कंपनियां बंद हो गई। बजार में अभी हीरो, एफ्रो, एवन, टाइसन, सनबीम, एसएलआर-टाटा आदि कंपनियों की साइकिल चलन में है।

साइकिल चलाने के फायदे

शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ देवाशीष चटर्जी का कहना है कि शारीरिक समस्याओं से बचाव करने में साइकिल चलाना काफी फायदेमंद है। साइकिल चलाना एक एक्सरसाइज भी है। साइकिलिंग करके शरीर को एक्टिव और फिट बनाया जा सकता है। साइकिल चलाने के दौरान दिल की धड़कन तेज हो जाती है, जो दिल के स्वास्थ्य के लिए एक्सरसाइज है। यह वजन कम करने में भी सहायक है। इससे मधुमेह के जोखिम कम हो जाती है। साइकिल चलाने से मांसपेशियां मजबूत होती है। यह कैंसर की जोखिम को भी कम करता है। गठिया की रोकथाम में भी साइकिल की सवारी मददगार है। सुबह शाम साइकिल चलाने से तनाव से राहत मिलती है। डॉक्टर चटर्जी का कहना है कि सुबह में साइकिल चलाना दिन की अपेक्षा ज्यादा फायदेमंद है।

साइकिल चलाने में आ रहा है मजा

बीएसएनएल के अधिकारी न्यू कॉलोनी के अजय कुमार ने बताया कि पहले कहीं आने जाने के लिए बाइक और चारपहिया वाहन का इस्तेमाल करते थे। कोरोना काल के बाद स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर साइकिल का प्रयोग करते हैं। साइकिल चलाने में खूब मजा आ रहा है। संत जेवियर स्कूल के सातवीं का छात्र मयंक कुमार ने कहा कि पहले स्कूल जाने के लिए ही साइकिल मिलती थी। लेकिन अब पापा के साथ रोज सुबह फील्ड में साइकिल दौड़ता है। विमल शोरूम के मालिक उत्तम मोटानी ने कहा कि कोरोना संक्रमण का दायरा बढ़ने पर चिकित्सक की सलाह पर साइकिल चलाना शुरू किया। अब मजा आ रहा है। सुबह होने का इंतजार रहती है। 70 वर्षीय चिकित्सक डॉक्टर एसएन शुक्ला ने बताया कि स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर काफी दिन से साइकिल चलाते हैं। अब सुबह साइकिल से सैर करने वाले दोस्तों की तादाद बढ़ गई है। 

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