कुलपति के आश्वासन पर 33वें दिन स्थगित हुआ अभाविप कार्यकर्ताओं का धरना
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में पीएचडी एडमिशन टेस्ट में धांधली व अन्य मुद्दों को लेकर चल रहा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का धरना शुक्रवार को 33वें दिन कुलपति के साथ वार्ता के बाद समाप्त हो गया।
मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में पीएचडी एडमिशन टेस्ट में धांधली व अन्य मुद्दों को लेकर चल रहा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का धरना शुक्रवार को 33वें दिन कुलपति के साथ वार्ता के बाद समाप्त हो गया। कुलपति प्रो.हनुमान प्रसाद पांडेय व विवि के अन्य पदाधिकारी छात्र नेताओं से बात करने धरनास्थल पर पहुंचे। कुलपति ने कहा कि पैट-2020 में यदि गड़बड़ी हुई है तो इसकी निष्पक्ष जांच कराई जाएगी। यदि पदाधिकारी दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एससी-एसटी कोटि के विद्यार्थियों बल्व छात्राओं से नामांकन शुल्क लेने को लेकर भी कार्यकर्ताओं ने कुलपति का ध्यान आकृष्ट कराया। कुलपति ने इसपर कहा कि कि इस मुद्दे पर सरकार से वार्ता हुई है। वहां से कहा गया कि एक फॉर्म सभी महाविद्यालय को भेजा जाएगा। सम्बंधित कोटि के अभ्यर्थी उस फॉर्म को भरकर नामांकन शुल्क वापस ले सकेंगे। विश्वविद्यालय संयोजक सह सीनेट सदस्य केशरीनंदन शर्मा ने कहा कि कई बार वार्ता विफल रही थी। इसके बाद विद्यार्थी परिषद छात्र हित मे अपनी मांगों पर अड़ा था। कुलपति ने स्वयं आकर कार्यकर्ताओं से वार्ता की। कहा कि फिलहाल आश्वासन के बाद आंदोलन स्थगित किया गया है। यदि मांगें पूरी नहीं हुई तो फिर से आंदोलन शुरू होगा। इस बार का आंदोलन काफी उग्र होगा जिसकी जिम्मेदारी विवि प्रशासन की होगी। वार्ता में कुलानुशासक प्रो.अजीत कुमार के अलावा अभाविप के जिला संयोजक पुष्कर सिंह, महानगर मंत्री दीपंकर गिरी, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य प्रभात मिश्रा, विश्वविद्यालय सोशल मीडिया संयोजक रणविजय सिंह, प्रांत एसएफएस सह प्रमुख दीपक यादव, विभाग सह संयोजक प्रभात श्रीवास्तव, अभिषेक सिंह, मंटू कुमार आदि थे।