अब भी निजी अस्पताल जा रहे मुजफ्फरपुर के एईएस मरीज, पुख्ता व्यवस्था नहीं
एईएस से पीडि़त मरीज अब भी सीधे सरकारी अस्पताल नहीं जा रहे। ऐसा देखा जा रहा है कि बीमार होने के बाद वह निजी अस्पताल में जा रहे हैं। इसकी शिकायत मिलने के बाद सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा ने सभी पीएचसी प्रभारी को अलर्ट किया है।
मुजफ्फरपुर, जासं। एसकेएमसीएच में आनेे वाले एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम यानी एईएस के मरीज का मोबाइल नंबर दर्ज नहीं हो रहा है। इसके कारण केस स्टडी में परेशानी हो रही है। जिला वेक्टरजनित रोग पदाधिकारी डा.सतीश कुमार ने इस पर नाराजगी जताते हुए एसकेएमसीएच प्राचार्य को पत्र लिखा है। कहा कि पिछले दिनों एक वैशाली जिले का मरीज इलाज के लिए भर्ती हुआ लेकिन उसका पता कुढऩी लिखकर इलाज किया गया। उसके इलाज पर्ची पर मोबाइल नंबर नहीं लिखा गया। मोबाइल नंबर नहीं होने के कारण जब छानबीन हुई तो परेशानी सामने आई। एसकेएमसीएच में अब इलाज कराने आने वाले की पर्ची पर स्वजन का मोबाइल नंबर लिखना अनिवार्य होगा।
जागरूकता पर सवाल
एईएस से पीडि़त मरीज अब भी सीधे सरकारी अस्पताल नहीं जा रहे। ऐसा देखा जा रहा है कि बीमार होने के बाद वह निजी अस्पताल में जा रहे हैं। इसकी शिकायत मिलने के बाद सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा ने सभी पीएचसी प्रभारी को अलर्ट किया है। उन्होंने कहा कि आशा के माध्यम से हर वार्ड स्तर पर जागरूकता अभियान को तेज किया जाए। अगर कोई बच्चा चमकी-बुखार से पीडि़त मिलता है तो आशा उसकी मदद करके पीएचसी तक पहुंचाए। मरीज को अस्पताल जाने के लिए एंबुलेंस का इंतजाम है। डेढ़ साल की कृति कुमारी शाहपुर मिर्चा निवासी की मौत के बाद जब छानबीन हुई तो पता चला कि स्वजन उसको एक निजी अस्पताल ले गए। वहां से उसको एसकेएमसीएच भेजा गया। जहां इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गई। एसकेएमसीएच के उपाधीक्षक शिशु रोग विभाागाध्यक्ष डा.गोपाल शंकर सहनी कहते हैं कि मरीज जितनी जल्द अस्पताल आ जाए तो उसके स्वस्थ होने की उम्मीद ज्यादा रहती है। स्वजन इधर-उधर इलाज के चक्कर में स्वजन को अस्पताल पहुंचाने में विलंब न करे। बच्चे को रात में खाली पेट नहीं सोने दे।
चालू होगी एपीएचसी, तैनात किए जाएंगे चिकित्सक
मुजफ्फरपुर : पंचायत स्तर पर एपीएचसी को चालू करने की कवायद तेज हो गई है। 16 अगस्त से वहां पर आउटडोर चालू किया जाएगा। सिविल सर्जन ने सभी पीएचसी प्रभारी को पत्र लिखा है। सीएस ने कहा कि अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र में जो भी चिकित्सक प्रतिनियुक्त हैं, उनकी हाजिरी पीएचसी में नहीं बनेगी। सीएस ने कहा कि 16 अगस्त से सभी लोग अपने प्रतिनियुक्ति वाले स्थान पर ही काम करेंगे। कोरोना संक्रमण के दौरान जिले के 82 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य उप केंद्र में तैनात चिकित्सकों को मुख्यालय बुला लिया गया था। संक्रमण कम होने पर फिर उन्हेंं वापस लौटा दिया गया। जो जानकारी सामने आई उसमें एपीएचसी की व्यवस्था ठीक नहीं होने के कारण मुख्यालय से वापस लौटाए गए सभी चिकित्सक एपीएचसी के बदले पीएचसी में ही काम करने लगे।