मुजफ्फरपुर में आधी-अधूरी तैयारी के बीच एईएस ने दरवाजे पर दी दस्तक

दवा व उपकरण भी सभी पीएचसी स्तर पर मौजूद नहीं। निजी अस्पतालों व एसकेएमसीएच पर ही इस बार भी दारोमदार। पारू में एक बच्चे के मिलने के बाद विभाग की बढ़ी चिंता प्रशिक्षण शुरू। इस परिस्थिति में बच्चों को बचाने के लिए काफी मशक्कत करनी होगी।

By Ajit kumarEdited By: Publish:Sat, 20 Feb 2021 08:57 AM (IST) Updated:Sat, 20 Feb 2021 08:57 AM (IST)
मुजफ्फरपुर में आधी-अधूरी तैयारी के बीच एईएस ने दरवाजे पर दी दस्तक
एएनएम के पास ग्लूकोमीटर व जांच की स्ट्रिप रहनी चाहिए। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, जासं। दरवाजे पर बीमारी और तैयारी आधी-अधूरी वाला हाल एईएस को लेकर चल रहा है। पारू में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) का एक मरीज मिलने के बाद विभाग की तैयारी पर सवाल उठ रहे हैैं। जानकारों की मानें तो इस बार जिस तरह से गर्मी की धमक अभी से दिखने लगी है। उसके हिसाब से तैयारी जो होनी चाहिए वह नहीं दिख रही। एक बार फिर निजी अस्पतालों व एसकेएमसीएच के भरोसे ही इलाज होगा। इस परिस्थिति में बच्चों को बचाने के लिए काफी मशक्कत करनी होगी। 

मालूम हो कि पारू के ढाई साल के आकाश कुमार को चमकी बुखार होने पर एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया। गुरुवार को जांच रिपोर्ट आने पर अज्ञात एईएस की पुष्टि हुई है। अभी बच्चे की हालत गंभीर बनी है।

जहां मिलेगी कमी उसे दूर किया जाएगा

प्रभारी सिविल सर्जन डॉ.हरेंद्र आलोक ने कहा कि सभी पीएचसी प्रभारी को तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैैं। शनिवार को विस्तृत समीक्षा होगी। इसके बाद जहां कमी नजर आएगी वहां उसे दूर करा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस साल अब तक शोध के लिए किसी बड़े संगठन का पत्र नहीं आया है। अगर आता है तो हर स्तर पर सहयोग किया जाएगा।

ये होना चाहिए जो नहीं हुआ

- सभी पीएचसी में एसी वार्ड तैयार होने चाहिए, ताकि मरीज आए तो वहां पर इलाज हो।

- सभी एएनएम के पास ग्लूकोमीटर व जांच की स्ट्रिप रहनी चाहिए।

- आशा व एएनएम के झोला में ओआरएस व पारासीटामोल की टेबलेट रहनी चाहिए। अभी तक इनका वितरण नहीं हुआ।

- हर पीएचसी में दवा की जो किट उपलब्ध है उसकी जांच कर एक्सपायरी दवा हटाकर नई देनी है।

- अभी चिकित्सकों का प्रशिक्षण चल रहा। आशा व आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका का प्रशिक्षण होना है।  

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