सड़क लुटेरों की नकेल कसने के लिए पुलिस गश्ती दल को किया जाएगा सक्रिय
एनएच पर सड़क लुटेरों की नकेल कसने के लिए पुलिस गश्ती दल को और भी सक्रिय बनाया जाएगा।
मुजफ्फरपुर : एनएच पर सड़क लुटेरों की नकेल कसने के लिए पुलिस गश्ती दल को और भी सक्रिय बनाया जाएगा। इसके लिए पुलिस में विशेष तैयारी की जा रही है। हाल के दिनों में घटी घटना व बदमाशों की गिरफ्तारी के बाद यह तैयारी की जा रही है। खास कर अहियापुर व बोचहां थाना क्षेत्र के एनएच-57 पर पुलिस की विशेष नजर है। इस मार्ग पर अतिरिक्त गश्ती दल को तैनात किया जाएगा। यह गश्ती दल हर दस-बीस मिनट के अंतराल पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर भ्रमण करते रहेंगे।
पुलिस गश्ती दल सड़क पर दिखे इसकी खास व्यवस्था : ऐसा देखा गया है कि रात में अधिकांश आपराधिक घटना एनएच व मुख्यमार्गो में होती है। गश्ती दल मुख्य सड़क व एनएच के बदले दूसरे मार्गो में गश्त लगाती है। अब ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि गश्ती दल एनएच व मुख्य सड़क पर ज्यादा दिखे। गश्ती दल की गाड़ी चौराहे या सड़क के बीच में खड़ी हो। इससे राहगीरों को साफ नजर आए। पूरे जिले की थाना पुलिस इस दिशा में समन्वय बनाकर काम करेगी। क्राइम प्वाइंट पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। इसके अलावा क्षेत्र में सक्रिय बदमाशों की गिरफ्तारी व गिरोह के उद्भेदन पर भी नजर रखेगी। एसएसपी जयंतकांत ने बताया कि आवागमन पूरी तरह सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है कि पुलिस गश्ती दल सड़क पर रहे। इसको ध्यान में रख कर ही नई व्यवस्था की जा रही है।
बाइकर्स बदमाशों का नहीं थम
रहा उत्पात, गिरफ्तारी नदारद
विभिन्न इलाकों में बाइकर्स बदमाशों का उत्पात जारी है। हर दिन बाइकर्स बदमाश वारदात को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस की तरफ से बाइकर्स बदमाशों पर नकेल कसने को लेकर रणनीति गायब है। नतीजा उनके हौसले बुलंद हैं। शुक्रवार को मोतीपुर में सीएसपी संचालक चंदन कुमार सरोज को हथियार का भय दिखाकर चार लाख रुपये लूट लिए गए। वारदात को अंजाम देकर अपराधी भाग निकले। गश्ती पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। इससे पुलिस की गश्ती व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि पुलिस का कहना है कि बदमाशों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। वहीं इसके चार दिन पूर्व सदर थाना क्षेत्र के रेवा रोड भगवानपुर इलाके में बाइकर्स बदमाशों ने बोलेरो सवार पूर्व मुखिया गायत्री सिंह को बातों में फंसाकर उनके आठ लाख रुपये से भरे बैग को उड़ा लिए। सीसीटीवी में बदमाशों की करतूत कैद है। मगर अब तक गिरफ्तारी तो दूर पहचान भी नहीं हो सकी है। इससे प्रतीत हो रहा कि मामला दर्ज कर पुलिस अपनी कार्रवाई समेट ले रही है। जबकि अपराध नियंत्रण को लेकर थाने से विभिन्न इलाकों में वाहन जांच के लिए पुलिस निकलती है। डयूटी के नाम पर खानापूर्ति कर टीम वापस चली आती है। जांच के दौरान एक भी बाइकर्स बदमाश की गिरफ्तारी नहीं होना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है।