मुजफ्फरपुर में 67 लाख के साथ पकड़े गए दरभंगा के इंजीन‍ियर पर कार्रवाई, जांच में सहयोग नहीं करने पर हुए न‍िलंब‍ित

Darbhanga news ग्रामीण कार्य विभाग दरभंगा के तत्कालीन कार्यपालक सह दरभंगा अंचल के प्रभारी अधीक्षण अभियंता के खिलाफ भ्रष्ट तरीके से संपत्ति अर्जित करने की मामले की जांच में अबतक अभियंता ने नहीं रखा अपना पक्ष ।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 04:45 PM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 04:45 PM (IST)
मुजफ्फरपुर में 67 लाख के साथ पकड़े गए दरभंगा के इंजीन‍ियर पर कार्रवाई, जांच में सहयोग नहीं करने पर हुए न‍िलंब‍ित
अकूत संपत्ति के साथ पकड़े गए अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार पर कार्रवाई। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

दरभंगा,{संजय कुमार उपाध्याय}। लाखों नकदी, जमीन व अन्य अकूत संपत्ति के साथ पकड़े गए ग्रामीण कार्य विभाग, दरभंगा के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता सह दरभंगा अंचल के अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार के खिलाफ सरकारी शिकंजा कसने लगा है। करीब चार महीने बाद उनके खिलाफ सरकार के ग्रामीण कार्य विभाग ने निलंबन की कार्रवाई की है। निलंबन की कार्रवाई के पीछे जो वजह बताई गई है, वह बेहद चौंकानेवाली है। वजह यह है कि विभाग ने भ्रष्ट तरीके से अभियंता द्वारा अवैध संपत्ति अर्जित करने के मामले में उनके खिलाफ प्रपत्र गठित कर विभागीय कार्यवाही शुरू की। इसके संचालन के मुख्य अभियंता पटना-दो को अधिकृत किया गया। मुख्य अभियंता ने ई. अनिल को कार्यवाही संचालन में अपना पक्ष रखने के लिए कहा। इसके लिए बकायदा 20 अक्टूबर को पत्र जारी कर 15 नवंबर को उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए मुख्य अभियंता ने बुलाया। फिर भी ई. अनिल ने वहां आना मुनासिब नहीं समझा। इस स्थिति में मुख्य अभियंता ने उनके इस रवैये को असहयोगात्मक और गैर जिम्मेदाराना माना। इस आशय की रिपोर्ट विभाग को दी। इसके आधार पर विभाग ने अभियंता को दो दिसंबर 2021 को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

महीनों बाद भी नहीं मिला 67 लाख कैश व अन्य संपत्ति का हिसाब

याद रहे कि 28 अगस्त 2021 को दरभंगा अंचल के प्रभारी अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार को मुजफ्फरपुर पुलिस ने फकुली में 18 लाख कैश के साथ पकड़ा। फिर दरभंगा के बरहेता स्थित निजी आवास से 49 लाख कैश और जमीन के दस्तावेज, लैपटाप आदि जब्त किया गया था। कुल 67 लाख कैश और जमीन के दस्तावेजों की जब्ती के बाद से लेकर अबतक विभागीय स्तर पर जांच चल रही है। पुलिस जांच की प्रक्रिया भी चल रही है। इन सबके बीच अभियंता ने कहीं भी संपत्ति का हिसाब नहीं दिया है। मुजफ्फरपुर में जमानत मिलने के बाद से वो अपने काम में व्यस्त हैं। हालांकि, बताया यह जा रहा है कि वो बीमार चल रहे हैं। इन सबके बीच सवाल यह खड़ा हो गया है कि आखिर अभियंता जांच का सामना क्यों नहीं कर रहे हैं।

विधानसभा समिति की जांच में सच सामने आने की उम्मीद

बता दें कि एक दिसंबर 2021 को दरभंगा के विधायक संजय सरावगी ने इस विषय को विधानसभा में उठाया था। मंत्री के समक्ष सवाल किए थे कि 28 अगस्त को 67 लाख कैश के साथ पकड़े गए अभियंता के खिलाफ छोटी सी निलंबन की कार्रवाई नहीं की गई। वहीं पकड़े जाने के दो महीने बाद तक वो प्रभार में बने रहे है। सरकार हमारी जीरो टालरेंस की है तो फिर ऐसा क्यों हो रहा है। इसके बाद विधान सभा समिति द्वारा जांच कराए जाने की बात हुई। हालांकि, अभी इस समिति ने जांच शुरू नहीं किया है, लेकिन विधानसभा में सवाल उठाए जाने के एक दिन बाद दो दिसंबर को ग्रामीण कार्य विभाग ने अभियंता के निलंबन का आदेश जारी किया है। ऐसे में उम्मीद जगी है कि अभियंता ही नहीं बल्कि अवैध संपत्ति के इस खेल में शामिल अन्य लोग भी शीघ्र बेनकाब होंगे।

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