एसएफसी ठीकेदार सत्येंद्र दुबे व पुत्र की हत्या का आरोपित गिरफ्तार

काजीमोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के पंखाटोली मोहल्ला में स्टेट फूड कारपोरेशन (एसएफसी) के परिवहन ठीकेदार सत्येंद्र दुबे व उनके पुत्र किशन दुबे हत्याकांड के आरोपित अमित ठाकुर उर्फ बब्बू ठाकुर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 11 Aug 2021 01:48 AM (IST) Updated:Wed, 11 Aug 2021 01:48 AM (IST)
एसएफसी ठीकेदार सत्येंद्र दुबे व पुत्र की हत्या का आरोपित गिरफ्तार
एसएफसी ठीकेदार सत्येंद्र दुबे व पुत्र की हत्या का आरोपित गिरफ्तार

मुजफ्फरपुर : काजीमोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के पंखाटोली मोहल्ला में स्टेट फूड कारपोरेशन (एसएफसी) के परिवहन ठीकेदार सत्येंद्र दुबे व उनके पुत्र किशन दुबे हत्याकांड के आरोपित अमित ठाकुर उर्फ बब्बू ठाकुर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसकी गिरफ्तारी सीतामढ़ी के परिहार थाना क्षेत्र के मसहा गांव से हुई है। वह इसी गांव का रहने वाला है। वह इस मामले में 15 साल से फरार था। थानाध्यक्ष सत्येंद्र कुमार सिन्हा ने बताया कि उसे कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

पिता-पुत्र को गोलियों से भून डाला : घटना 10 दिसंबर 2006 की है। पंखाटोली मोहल्ला में स्थित उनके आवास पर जमकर गोलीबारी की गई थी। बदमाशों ने सत्येंद्र दुबे व उनके पुत्र किशन दुबे को गोलियों से भून दिया था। गोलीबारी में उनके सहयोगी पंकज ठाकुर व मनोज ठाकुर को भी गोली लगी थी। दोनों इलाज के बाद बच गए थे। सत्येंद्र दुबे के भाई गजेंद्र दुबे ने काजीमोहम्मदपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें सीतामढ़ी जिला के रून्नीसैदपुर के तत्कालीन विधायक गुड्डी चौधरी के पति राजेश चौधरी, टुनटुन चौधरी, सिद्धनाथ पराशर, सुनील सिंह, संतोष सिंह, विनोद सिंह, मिंटू सिंह, श्यामसुंदर पाठक व रंजीत झा को नामजद आरोपित बनाया गया था। इसमें अनाज कालाबाजारी करने वाले रैकेट से जुड़े माफियाओं के साजिश रचने की बात बताई गई। पुलिस जांच में इस हत्याकांड में अन्य लोगों की संलिप्तता सामने आई। इसमें सीतामढ़ी जिला के परिहार थाना के मसहा गांव के डीलर का भाई अमित ठाकुर भी शामिल था। इस हत्याकांड के बाद से ही फरार था।

घटना के समय हिसाब-किताब कर रहे थे सत्येंद्र दुबे, मारा गया था एक हमलावर : दस दिसंबर 2006 की रात लगभग आठ बजे पंखाटोली स्थित आवास के बरामदे पर सत्येंद्र दुबे, उनके पुत्र किशन दुबे, पंकज ठाकुर व मनोज ठाकुर ठीकेदारी का हिसाब-किताब कर रहे थे। उसी समय एक बाइक पर सवार तीन युवक वहां पहुंचे। अपने को चौधरीजी का आदमी बताते हुए बरामदे का गेट खोलवाया। गेट खुलने के बाद अंदर घुसते ही युवकों ने पिस्टल से ताबड़तोड़ फायरिग शुरू कर दी। बचाव में सत्येंद्र दुबे की ओर से फायरिग की गई। इसमें एक हमलावर युवक मारा गया। गोली लगने से चार लोग घायल हो गए। सभी को इलाज के लिए एसकेएमसीएच ले जाया गया। जहां इलाज के क्रम में ठीकेदार सत्येंद्र दुबे व उनके पुत्र किशन की मौत हो गई।

ठीकेदारी को लेकर चल रही थी अदावत : सत्येंद्र दुबे के पास स्टेट फूड कारपोरेशन एसएफसी के मुजफ्फरपुर और शिवहर जिले में परिवहन की ठीकेदारी थी। इसका पुराना ठीकेदार मिंटू सिंह था। उससे ठीकेदारी छीन गई थी। इस बात को लेकर उसकी सत्येंद्र दुबे से अदावत चल रही थी। मिंटू सिंह रून्नीसैदपुर के तत्कालीन विधायक गुड्डी चौधरी के पति राजेश चौधरी का करीबी था।

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