मुजफ्फरपुर में मोबाइल दुकानदार से 22 लाख ठगी का आरोपित गिरफ्तार

संतोष कुमार ने नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें उसने कहा था कि 29 अप्रैल को कल्याणी चौक स्थित उसकी मोबाइल की दुकान पर अभिषेक अपने दोस्त शुभम के साथ आया। उसकी गारंटी पर उसने शुभम को 12 लाख 70 हजार की मोबाइल दिलवाया था।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 11:41 AM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 11:41 AM (IST)
मुजफ्फरपुर में मोबाइल दुकानदार से 22 लाख ठगी का आरोपित गिरफ्तार
एक आरोपित को पुलिस पहले ही कर चुकी गिरफ्तार।

मुजफ्फरपुर, जासं। नगर थाना के घिरनी पोखर निवासी मोबाइल दुकानदार संतोष कुमार से 22 लाख रुपये ठगी करने के आरोपित अभिषेक कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वह काजीमोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के पंखाटोली निवासी है। वह एक मोबाइल कंपनी का प्रोमोटर भी है। इस मामले मेें एक अन्य आरोपित उसके दोस्त सदर थाना के मझौली धर्मदास के शुभम सिंह को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। 

यह है मामला

संतोष कुमार ने दोनों के विरुद्ध 24 अक्टूबर को नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें उसने कहा था कि 29 अप्रैल को कल्याणी चौक स्थित उसकी मोबाइल की दुकान पर अभिषेक अपने दोस्त शुभम के साथ आया। उसकी गारंटी पर उसने शुभम को 12 लाख 70 हजार रुपये की मोबाइल उधार में दिलवाया। दो माह बाद फिर से दोनों उसकी दुकान पर आया और बोला कि व्यवसाय में शुभम को काफी घाटा हुआ है। अपनी गारंटी पर उसने शुभम को 10 लाख रुपये नकद देने को कहा। उसने वादा किया कि व्यवसाय ठीक होते ही वह दोनों रुपये लौटा देगा। अभिषेक की बातों में आकर उसने उसके सामने शुभम को नौ लाख 30 हजार रुपये नकद दिया। एक माह के बाद जब शुभम से रुपये का तगादा किया तो उसने उसके रिश्तेदार सत्यजीत बर्मन के नाम से छह लाख तीस हजार एचडीएफसी बैंक का चेक दिया। चेक क्लीयरेंस होने के लिए जब खाते में डाला गया तो बाउंस हो गया। इसके बाद 30 सितंबर को जब रुपये मांगने शुभम के घर पर गया तो उसकी मां रूमा कुमारी, उसका भाई शशांक सिंह एवं कुछ अज्ञात लोग उसे घर के अंदर ले गए और जान से मारने की धमकी दी। सभी ने उसके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया।  

सेविका चयन में अनियमितता की शिकायत

साहेबगंज (मुजफ्फरपुर) : प्रखंड के वासुदेवपुर सराय वार्ड नं 5 स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 223 पर सेविका चयन में अनियमितता का आरोप लगाते हुए जांचोपरांत कार्रवाई की मांग डीएम से की गई है। वीरेंद्र साह का आरोप है कि वार्ड में अतिपिछड़ी जाति की आबादी सर्वाधिक है। बावजूद सीडीपीओ ने आबादी के विपरीत सर्वेक्षण कराकर सेविका का चयन कर दिया। चयनित सेविका के ससुर, सास तथा जेठ सरकारी सेवा में हैं।

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