सरहद पार पाकिस्तान के जेल में बंद है बिहार के मुजफ्फरपुर का युवक, स्वजन बेहाल
गुजरात के पोरबंदर में एक फिशिंग बोट पर काम करते थे मुजफ्फरपुर के दिनेश सहनी। पाक सीमा में चले जाने पर सभी कर्मी को बना लिया गया बंधक। 18 मार्च को स्वजनों को मिली पाकिस्तानी कब्जे में जाने की सूचना सांसद ने विदेश मंत्री से मुक्त कराने का किया आग्रह।
मुजफ्फरपुर, जासं। जिले के गायघाट प्रखंड के दिनेश सहनी (39) को पाकिस्तान ने अपने कब्जे में रखा है। गुजरात के पोरबंदर में एंजल पालघर फिशिंग बोट में काम करने के दौरान वे भटककर पाकिस्तानी समुद्री सीमा में चले गए थे। इसके बाद पाक जलसेना ने उन्हें कब्जे में ले लिया। उनके साथ बोट पर काम करने वाले अन्य सात से आठ कर्मियों को भी पाकिस्तान के कब्जे में होने की बात कही जा रही है। दिनेश के पुत्र इंद्रजीत कुमार को 18 मार्च को इसकी सूचना बोट कंपनी की ओर से मिली। इंद्रजीत के आवेदन पर मुजफ्फरपुर सांसद अजय निषाद ने विदेश मंत्री से दिनेश सहनी की भारत वापसी का आग्रह किया है।
होली से 20 दिन पहले गए थे पोरबंदर
गायघाट कमरथू निवासी दिनेश के पुत्र इंद्रजीत ने बताया कि वे जनवरी में आए घर आए थे। होली से 20 दिन पहले पोरबंदर गए थे। 18 मार्च को उसे सूचना मिली कि पिता पाकिस्तान के कब्जे में हैं। इसके बाद से सभी परेशान हैं। परिवार की जिम्मेदारी उन्हीं पर है। दिनेश की पत्नी का निधन वर्ष 2009 में ही हो चुका है। दो पुत्र एवं दो पुत्रियों में सबसे बड़े इंद्रजीत (19) ही सबकी देखभाल करता है। दो साल से दिनेश फिशिंग बोट पर काम कर रहे थे। इंद्रजीत की मानें तो वहां अधिक आमदनी नहीं है। चार से पांच सौ रुपये रोज पर ही काम कर रहे थे। इतनी आमदनी बिहार में भी हो जाती। अब एक तो पिता के दुश्मन देश के कब्जे में होना। दूसरे आमदनी का जरिया समाप्त हो जाने से परिवार की स्थिति खराब हो गई है। मालूम हो कि इससे पहले भी जिले का एक युवक रामदास पाकिस्तान के कब्जे में था। पंजाब सीमा से भटककर वह पाकिस्तान चला गया था। काफी मशक्कत के बाद उसकी घर वापसी हुई, मगर मानसिक रूप से वह पूरी तरह कमजोर हो गया था।