बेतिया मंडलकारा में बंद कैदी ने फांसी लगाकर दी जान, इस आरोप में वह 9 जुलाई से था बंद

धार्मिक उन्माद व तोड़फोड़ के मामले में जेल में था बंद। जेल सुपरिटेंडेंट रामाधार सिंह ने बताया कि शमशेर अंसारी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। वह अस्पताल वार्ड के समीप लीची के पेड़ के पास गया और अपनी शर्ट को फांसी का फंदा लगा पेड़ से लटक गया।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Tue, 22 Sep 2020 02:17 PM (IST) Updated:Tue, 22 Sep 2020 02:17 PM (IST)
बेतिया मंडलकारा में बंद कैदी ने फांसी लगाकर दी जान, इस आरोप में वह 9 जुलाई से था बंद
मोतिहारी में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर से विगत 9 जुलाई को बेतिया जेल में आया था।

पश्चिम चंपारण, जेएनएन। बेतिया मंडलकारा में मंगलवार की सुबह 11:30 बजे विचाराधीन कैदी शमशेर अंसारी ने फांसी लगा खुदकुशी कर ली। वह बेतिया शहर के दरगाह मोहल्ले का रहने वाला था। धार्मिक उन्माद फैलाने और तोड़फोड़ के मामले में जेल में बंद था। कोविड - 19 से सुरक्षा को लेकर कैदियों के लिए मोतिहारी में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर से विगत 9 जुलाई को बेतिया जेल में आया था। कैदी के फांसी लगाने की सूचना पर जेल में हड़कंप मच गया। जेल सुपरिटेंडेंट रामाधार सिंह ने बताया कि शमशेर अंसारी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। उसका जेल के अस्पताल वार्ड में इलाज चल रहा था। वह अस्पताल वार्ड के समीप लीची के पेड़ के पास गया और अपनी शर्ट को फांसी का फंदा लगा पेड़ से लटक गया। आनन-फानन में उसे फांसी के फंदे से उतार अस्पताल भेजा गया ,जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। यहां बता दें कि विगत 11 जून को भी शिकारपुर थाना क्षेत्र के पकड़ीढाला निवासी विचाराधीन कैदी कलामुद्दीन ने भी जेल के भीतर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। कलामुद्दीन चोरी के मामले में जेल में बंद था। कलामुद्दीन की मौत के बाद कैदियों ने जेल में जमकर हंगामा किया था।

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