बिहार में एक ऐसी जगह जहां लगती नोटों की मंडी, जेब से हो जाता लाखों का धंधा

पूर्वी चंपारण के रक्सौल स्थित भारत-नेपाल बॉर्डर पर फल-फूल रहा नोट बदलने का अवैध धंधा। हर रोज तकरीबन 20 लाख का ट्रांजेक्शन डेढ़ लाख तक की होती कमाई। देशी-विदेशी पर्यटक समेत आसपास के लोग नोट बदलवाने पहुंचते हैं।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 12:32 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 12:32 PM (IST)
बिहार में एक ऐसी जगह जहां लगती नोटों की मंडी, जेब से हो जाता लाखों का धंधा
रक्सौल में सड़क किनारे चल रहे अवैध मुद्रा विनिमय केंद्र। फोटो- जागरण

रक्सौल (पूर्वी चंपारण), विजय कुमार गिरि। रक्सौल स्थित भारत-नेपाल बॉर्डर पर मुद्रा विनिमय की वैध व्यवस्था नहीं होने से अवैध धंधा फल-फूल रहा है। यहां रोजाना नोटों की मंडी लगती है। भारतीय और नेपाली नोटों के बदलने का खुलेआम अवैध धंधा होता है। देशी-विदेशी पर्यटक समेत आसपास के लोग नोट बदलवाने पहुंचते हैं। कोरोना के कारण नेपाल की ओर से बार्डर सील होने के बावजूद धंधे पर कोई असर नहीं है। इसमें दोनों देशों के लोग शामिल हैं।

रक्सौल बॉर्डर पर 70 अवैध मुद्रा विनिमय केंद्र हैं, जबकि 100 से अधिक लोग चलता-फिरता धंधा करते हैं। हर रोज तकरीबन 20 लाख का ट्रांजेक्शन होता है। इससे धंधेबाजों को डेढ़ लाख तक की कमाई होती है। धंधेबाज एक लाख नेपाली रुपये के बदले भारतीय करेंसी लेने पर पांच से सात हजार लेते हैं। इसके लिए किसी तरह के कागज की जरूरत नहीं, जबकि नेपाल में वैध रूप से अधिकतम 10 हजार रुपये बदलने की ही सुविधा है। कागजात भी देने पड़ते हैं। इस पर डेढ़ फीसद शुल्क लिया जाता है। वहीं, अवैध रूप से भारतीय नोट बदलने पर धंधेबाज पांच फीसद लेते हैं। रक्सौल में नेपाली नोट बदलने की वैध सुविधा नहीं होने का फायदा स्थानीय धंधेबाज उठाते हैं।

सुबह चार बजे से एक्टिव हो जाते धंधेबाज : दिल्ली-काठमांडू को जोडऩे वाली मुख्य सड़क पर सुबह चार बजे नोटों की मंडी सज जाती जो रात के नौ बजे तक चलती है। धंधेबाज छोटी-छोटी गुमटियों और पान, चाय व किराना दुकान की आड़ में नोट बदलने का काम करते हैं। बड़े अधिकारियों के रक्सौल पहुंचने की सूचना धंधेबाजों तक पहुंच जाती है। एक बड़े सिंडिकेट के माध्यम से धंधा चलता है। सफेदपोश लोगों के संरक्षण का भी इन्हेंं लाभ मिलता है।

हवाला कारोबार से भी जुड़े 

यहां के धंधेबाज अवैध मुद्रा विनिमय केंद्र के अलावा हवाला कारोबार से भी जुड़े हैं। पिछले सात महीने में सात करोड़ से अधिक कैश की बरामदगी हो चुकी है। एक दर्जन से अधिक भारतीय तस्कर गिरफ्तार भी हो चुके हैं।

थानाध्यक्ष शशिभूषण ठाकुर का कहना है कि अवैध विनिमय केंद्र के खिलाफ कार्रवाई होती है। इसमें एक संगठित गिरोह काम करता है। पुलिस कार्रवाई की सूचना मिलते ही धंधेबाज नेपाल सीमा की ओर निकल जाते हैं। रक्सौल आव्रजन कार्यालय प्रभारी अजय पंकज ने बताया कि यहां विदेशी मुद्रा परिवर्तन के लिए किसी बैंक में सुविधा नहीं है। आवश्यकता पडऩे पर पटना से कराया जाता है या फिर नेपाल में ही पर्यटक एक्सचेंज करते हैं। रक्सौल में करेंसी परिवर्तन की सुविधा के लिए सरकार को लिखा गया है। 

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