सूबे में जनवरी से पूर्व के 91 हजार म्यूटेशन के आवेदन लंबित, बाद के 11 लाख निष्पादित
अपर सचिव नवल किशोर ने सभी समाहर्ता को पत्र लिखकर जनवरी से पूर्व के लंबित आवेदनों का शीघ्र निष्पादन कराने का आग्रह किया है। तकनीकी कारणों से लंबित आवेदन का डीसीएलआर स्तर से निष्पादन कराने का भी आग्रह किया गया है।
मुजफ्फरपुर, जासं। राज्य में जमीन की जमाबंदी के आनलाइन आवेदनों का निष्पादन करने के लिए Óफस्र्ट इन फस्र्ट आउटÓ (फीफो) नियम का पालन नहीं किया जा रहा है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव समीक्षा में पाया गया कि इस वर्ष जनवरी से पूर्व से आए आवेदनों में 91 हजार से अधिक का निष्पादन नहीं किया गया है। दूसरी ओर जनवरी के बाद आए 11 लाख 77 से अधिक आवेदनों का निष्पादन किया गया है। विभाग ने इसे गंभीरता से लिया है। अपर सचिव नवल किशोर ने सभी समाहर्ता को पत्र लिखकर जनवरी से पूर्व के लंबित आवेदनों का शीघ्र निष्पादन कराने का आग्रह किया है। तकनीकी कारणों से लंबित आवेदन का डीसीएलआर स्तर से निष्पादन कराने का भी आग्रह किया गया है।
मुजफ्फरपुर में ऐसे एक हजार से अधिक आवेदन लंबित
अपर मुख्य सचिव की समीक्षा के अनुसार मुजफ्फरपुर जिले में जनवरी से पूर्व के एक हजार से अधिक लंबित हैं जबकि इस माह के बाद से अब तक 63 हजार आवेदनों का निष्पादन कर दिया गया है। कांटी, सरैया, मीनापुर और मोतीपुर अंचलों में अधिक आवेदन लंबित हैं। यहां क्रमश: 300,196,120 एवं 108 ऐसे आवेदन लंबित हैं। सकरा और बोचहां में स्थिति बेहतर हैं। इन दोनों अंचलों में एक और दो ऐसे आवेदन ही लंबित हैं।
दरभंगा, सीतामढ़ी, पूर्णिया, मधुबनी में अधिक आवेदन लंबित
अन्य जिलों की बात करें तो अररिया में 7863, अरवल में 296, औरंगाबाद में 92, बांका में 98, बेगूसराय में 636, भागलपुर में 1388, भोजपुर 1129, बक्सर में 130, दरभंगा में 11660, पूर्वी चंपारण में 4658, गया में 5752, गोपालगंज में 254, जमुई में 809, कैमूर में 112, कटिहार में 193, खगडिय़ा में 395, किशनगंज में 449, लखीसराय में 24, मधेपुरा में 4657, मधुबनी में 6812, मुंगेर में 14, नालंदा में 338, नवादा में 157, पटना में 558, पूर्णिया में 8532, रोहतास में 3506, सहरसा में 1189, समस्तीपुर में 295, सारण में 463, शेखपुरा में 196, शिवहर में 430, सीतामढ़ी में 10290, सिवान में 390, सुपौल में 2773, वैशाली में करीब तीन हजार, पश्चिमी चंपारण में 10030 आवेदन लंबित हैं।