मुजफ्फरपुर में सड़क और सरकारी जमीन को निजी बता 80 लाख मुआवजे का दावा

जांच में पकड़ में मामला सामने आने के बाद रोक दी गई मुआवजे की राशि मझौली-चोरौत (एनएच-527सी) के लिए किया गया जमीन अधिग्रहण जांच में जमीन गैर मजरुआ सर्व साधारण एवं सरकारी सड़क पाए जाने के बाद करीब 80 लाख रुपये के मुआवजे का भुगतान रोक दिया गया है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 06:18 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 06:18 AM (IST)
मुजफ्फरपुर में सड़क और सरकारी जमीन को निजी बता 80 लाख मुआवजे का दावा
मुआवजा भुगतान के दौरान इसे संदेहास्पद पाते हुए फिर मापी का अनुरोध किया गया।

मुजफ्फरपुर, जासं। राष्ट्रीय राजमार्ग (527-सी) के मझौली-चोरौत खंड में भूमि अधिग्रहण के मुआवजे के दावे में गड़बड़ी सामने आई है। बोचहां के उनसर व बोरवारा मौजे की जमीन सरकारी होने के बाद भी मुआवजे का दावा किया गया है। जांच में जमीन गैर मजरुआ सर्व साधारण एवं सरकारी सड़क पाए जाने के बाद करीब 80 लाख रुपये के मुआवजे का भुगतान रोक दिया गया है।

मालूम हो कि नेपाल को जिले से जोडऩे वाली उक्त सड़क बोचहां, गायघाट एवं कटरा से गुजरेगी। इसके लिए भू-अर्जन की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। जिला भू-अर्जन कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार बोचहां अंचल के उनसर में रैयत रामश्रेष्ठ राय ने 0.90 हेक्टेयर जमीन पर मुआवजे के दावे को लेकर कागजात प्रस्तुत किया, जबकि यह जमीन गैरमजरुआ सर्वसाधारण (सरकारी) निकली।

वहीं बोरवारा मौजे के उनसर गांव की ही 0.68 हेक्टेयर जमीन पर मापक ने तीन रैयतों नागदेव राय, नरेश राय एवं मनीष रमण के कब्जे की रिपोर्ट दी थी। मुआवजा भुगतान के दौरान इसे संदेहास्पद पाते हुए फिर मापी का अनुरोध किया गया। मापक ने पूर्व की रिपोर्ट को फिर सही बताया। बाद में कानूनगो ने रिपोर्ट दी कि भूमि में सड़क निर्मित है। पूर्व में भी पथ निर्माण विभाग ने इसका मुआवजा नहीं दिया था। दोनों मामलों को संदेहास्पद पाते हुए मुआवजे की राशि रोक दी गई है।

सड़क पर राहगीरों का चलना मुश्‍क‍िल

मनियारी (मुजफ्फरपुर) । कुढऩी प्रखंड अंतर्गत छितरौली पंचायत के छितरौली गांव स्थित वार्ड आठ में सड़क पर जलजमाव से ग्रामीण समेत राहगीरों को परेशानी हो रही है। कई ग्रामीण सड़क पर गिरकर चोटिल भी हो गए। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत मुखिया प्रतिनिधि रहमते आलम उर्फ रंगीले व सरपंच से भी की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। स्थानीय जनप्रनिधियों की मानें तो जलजमाव के लिए ग्रामीण भी जिम्मेवार हैं। सड़क के दोनों तरफ मिट्टी भरकर निकासी का रास्ता बंद कर दिया गया है जिससे जलजमाव की स्थिति पैदा हुई है।

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