700 साल पुरानी गणेश प्रतिमा उड़ा ले गए चोर, जांच में जुटी पुलिस

बदमाश कौन थे कहां से आए थे इसको लेकर लोगों में अटकलें तेज हैं। बताया गया है कि लक्ष्मी नारायण मंदिर के पुजारी स्थानीय ग्रामीण घनश्याम झा ने भगवान की आरती के बाद भोग लगाया। इसके बाद मंदिर का पट बंद कर घर सोने के लिए चले गए।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Mon, 18 Jan 2021 10:53 PM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 06:45 PM (IST)
700 साल पुरानी गणेश प्रतिमा उड़ा ले गए चोर, जांच में जुटी पुलिस
दरभंगा में इसी गणेश प्रतिमा की हुई है चोरी। जागरण

 बहेड़ी (दरभंगा), जासं । दरभंगा जिले के बहेड़ी थानाक्षेत्र के हाबीडीह गांव स्थित अति प्राचीन लक्ष्मीनारायण मंदिर से अज्ञात चोरों ने रविवार की देर रात गणेश भगवान की प्रतिमा चोरी कर ली। घटना के बाद इलाके के लोगों में सनसनी है। बदमाश कौन थे, कहां से आए थे इसको लेकर लोगों में अटकलें तेज हैं। बताया गया है कि लक्ष्मी नारायण मंदिर के पुजारी स्थानीय ग्रामीण घनश्याम झा ने भगवान की आरती के बाद भोग लगाया। इसके बाद मंदिर का पट बंद कर घर सोने के लिए चले गए।

सोमवार की सुबह जब लोग मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे तो गणेश भगवान की प्रतिमा गायब देख परेशान हो गए। घटना की सूचना थानाध्यक्ष रंजीत कुमार रजक को दी गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है। समाचार प्रेषण तक घटना के सुराग नहीं मिल सके थे। स्थानीय लोगों ने बताया इस इलाके में खुदाई के दौरान उक्त प्रतिमा मिली थी। जिसे मंदिर में लाकर रखा गया था। लोग पूजा करते थे। दरभंगा स्थित महाराजा लक्ष्मीश्वर सिंह संग्रहालय के अध्यक्ष डॉ. शिवकुमार मिश्र ने बताया कि उक्त प्रतिमा ऐतिहासिक थी। प्रतिमा करीब सात सौ साल पुरानी थी। बताया कि पिछले दो सालों में दरभंगा अनुमंडल से तीसरी गणेश की मूर्ति चोरी हुई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इन प्रतिमाओं की मुंहमांगी कीमत मिलती है।

बहोरवा गांव में तीन दिवसीय गायत्री महायज्ञ संपन्न 

कुशेश्वरस्थान। गायत्री मंत्रोच्चारण के बीच बहोरवा गांव में आयोजित तीन दिवसीय गायत्री महायज्ञ सोमवार सम्पन्न हुआ। यज्ञ के दौरान एक दर्जन से अधिक लोगों को गायत्री मंत्र की दीक्षा दी गई। साथ ही दो दर्जन लोगों को यज्ञोपवीत एवं मुंडन संस्कार किया गया। शांति कुंज हरिद्वार की टोली द्वारा आयोजित यज्ञ का संचालन गायत्री परिवार के दरभंगा जिला समन्वयक राम पुकार यादव ने किया। दिलीप कुमार एवं पंचू कुमार की प्रस्तुति से यज्ञ परिसर भक्तिमय बना रहा। यज्ञ समाप्ति के बाद गाजे-बाजे के साथ कलश विसर्जन शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा नगर भ्रमण कर गांव के तालाब पर जय घोष के बीच पवित्र जल में कलश को प्रवाहित कर दिया गया। यज्ञ के आयोजन में मोहन प्रसाद निराला, ङ्क्षबदेश्वरी यादव की सक्रिय भूमिका रही। 

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