मुजफ्फरपुर में एईएस से बचाव को 59 तरह की दवाएं हर पीएचसी में रहेंगी उपलब्ध
6 मार्च को आरबीएसके के वाहनों को प्रत्येक प्रखंडों के लिए किया जाएगा रवाना। 15 मार्च तक हर हालत में दवा व संसाधनों की उपलब्धता के आदेश। जिलाधिकारी प्रणव कुमार की अध्यक्षता में बैठक में विभिन्न कोषांगों द्वारा अभी तक किए गए कार्यों की समीक्षा की गई।
मुजफ्फरपुर, जासं। एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम यानी एईएस से जंग को प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। इस सप्ताह में सभी पीएचसी में नियंत्रण कक्ष काम करने लगेंगे। बच्चों के इलाज के लिए 59 तरह की दवाएं भी हर जगह उपलब्ध होंगी। समाहरणालय सभाकक्ष में बुधवार को एईएस समन्वय समिति की बैठक हुई। जिलाधिकारी प्रणव कुमार की अध्यक्षता में बैठक में विभिन्न कोषांगों द्वारा अभी तक किए गए कार्यों की समीक्षा की गई। डीएम ने कहा कि पूरी गंभीरता से एईएस/चमकी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण के लिए काम होना चाहिए।
ये बनी रणनीति
-15 मार्च तक दवाओं के साथ अन्य संसाधनों की उपलब्धता सदर अस्पताल से पीएचसी स्तर पर कर ली जाएगी।
- इलाज के लिए प्रोटोकॉल के हिसाब से 59 तरह की दवाएं सभी अस्पताल में उपलब्ध रहेंगी।
- प्रथम चरण में आठ लाख जागरूकता पर्चे का वितरण 20 से 25 मार्च के बीच किया जाएगा।
- आंगनबाड़ी सेविका/सहायिका व आशा प्रत्येक घर में जागरूकता पर्चा देंगी। साथ ही इसे पढ़कर घर वालों को सुनाएंगी।
- वितरण कार्य की सेल्फी लेकर वरीय पदाधिकारियों को भेजना अनिवार्य होगा।
- स्वयं सहायता समूह में भी जागरूकता पर्चा पढ़ा जाएगा।
- जीविका द्वारा लगातार प्रचार-प्रसार अभियान को गति देनी है।
- दो से तीन दिनों के अंदर सभी पीएचसी में नियंत्रण कक्ष शुरू कर दिए जाएंगे।
-385 पंचायतों को अधिकारियों व कर्मियों के साथ टैङ्क्षगग का कार्य शुरू कर दिया गया है। दो से तीन में यह संपन्न हो जाएगा।
- छह मार्च को आरबीएसके के वाहनों को प्रत्येक प्रखंडों के लिए रवाना किया जाएगा। स्कूलों में प्रतिदिन चेतना सत्र में बच्चों को जागरूक किया जाएगा।
इनकी रही भागीदारी
बैठक में उप विकास आयुक्त डॉ.सुनील कुमार झा, अपर समाहर्ता राजेश कुमार, अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन डॉ.अजय कुमार, प्रभारी सिविल सर्जन डॉ.हरेंद्र आलोक, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ.एके पांडेय, जिला वेक्टरजनित रोग पदाधिकारी डॉ.सतीश कुमार, जिला मूल्याकंन व अनुश्रवण पदाधिकारी जयशंकर कुमार, जिला कार्यक्रम प्रबंधक बीपी वर्मा, डॉ.हसीब असगर आदि थे।
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