पांच दिन में आया था 45 हजार बिल

पीकू वार्ड में अत्याधुनिक सुविधाओं के बीच इलाज से वहां भर्ती मरीजों के स्वजनों में विश्वास दिखा। अपना सबकुछ गवां अस्पताल पहुंचे स्वजन बचत से राहत महसूस कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 07 Jun 2020 01:45 AM (IST) Updated:Sun, 07 Jun 2020 06:16 AM (IST)
पांच दिन में आया था 45 हजार बिल
पांच दिन में आया था 45 हजार बिल

मुजफ्फरपुर। पीकू वार्ड में अत्याधुनिक सुविधाओं के बीच इलाज से वहां भर्ती मरीजों के स्वजनों में विश्वास दिखा। अपना सबकुछ गवां अस्पताल पहुंचे स्वजन बचत से राहत महसूस कर रहे हैं। अपने बच्चे को एकटक निहार रहीं शाहपुर सहरसा की चंद्रिका देवी से जब इलाज के बारे में पूछा गया तो वह भावुक हो गई। आपबीती सुनाते हुए बोलीं, हजूर इहां पर न अइत र त केतना कर्जा हो जाता, इसका अंदाज नहीं। पांच दिन में 45 हजार बिल भ गेल त बच्चा ले क भगली। एक दिन का चार हजार रुपया रूम का लग रहा था। दवा सब अलग से लेना पड़ रहा था। एक आदमी बोला के मुजफ्फरपुर लेके जाओ। वहां पर बुखार का इलाज होता है। वहां से किसी तरह से बिल चुकाने के बाद यहां पर आई। यहां पर बड़ा राहत मिला सर जी। इतना इलाज वाला मशीन वहां पर नहीं था, न इतना एसी सुविधा वाला कमरा। यहां पर मिनट-मिनट पर डॉक्टर साहब व नर्स दीदी ख्याल कर रही हैं। 15 दिन हो गया, लेकिन कोई बिल नहीं देना पड़ रहा। दवा, इलाज सब फ्री मिल रहा है। भोले बाबा हमरा बाबू के निरोग कर दें। यह दिन-रात प्रार्थना कर रहे हैं। यहां के इलाज व्यवस्था देख मन में विश्वास है कि मेरा लाल ठीक होगा। चंद्रिका बोलीं कि दो लड़का था एक पहले मर चुका है। एक बेटी और यह एक बेटा है। इसको लेकर यहां पर आए हैं। यहां इलाजरत मीनापुर की रूपा देवी ने बताया उसका बच्चा सुस्त हो गया। बाइक से मीनापुर गई। वहां से एंबुलेंस से भेजा गया। बच्चा में सुधार है। इतना सुविधा कहां किसी अस्पताल में देखे हैं। फिलहाल नई अस्पताल की नई व्यवस्था। कमरे में सबको प्रवेश से पहले पूरी सतर्कता यानी अपनी चप्पल उतारकर अस्पताल की चप्पल पहनकर ही जाना है।

15 दिन से चल रहा इलाज

सहरसा के बच्चे का इलाज कर रहे एसकेएमसीएच शिशु विभाग सह प्राध्यापक डॉ.जेपी मंडल ने बताया कि इलाजरत सौरभ कुमार 27 मई 2020 को आया था। इससे पहले उसका 23 मई 2020 तक सहरसा में एक निजी अस्पताल में इलाज चला। अभी उसमें सुधार है। इधर वार्ड में पांच चमकी बुखार के बच्चों का इलाज चल रहा है। शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ.गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि पीकू वार्ड में30 चिकित्सकों के साथ 14 लोगों की प्रतिनियुक्ति हुई है। सभी मिलकर बच्चों की देखभाल कर रहे हैं। बच्चों के इलाज व जांच के लिए जो सुविधा होनी चाहिए वह सभी उपलब्ध हैं।

chat bot
आपका साथी