जलजमाव से जूझ रहे 40 परिवारों का घर से निकलना मुश्किल
बंदरा प्रखंड क्षेत्र की सुंदरपुर रतवारा पंचायत के वार्ड नंबर 9 पाठक टोला के 40 परिवारों का घर कई माह से वर्षा के पानी में डूबा है।
मुजफ्फरपुर : बंदरा प्रखंड क्षेत्र की सुंदरपुर रतवारा पंचायत के वार्ड नंबर 9 पाठक टोला के 40 परिवारों का घर कई माह से वर्षा के पानी में डूबा है। लोगों को घर से निकलना मुश्किल हो रहा है। जबकि यह पंचायत बाढ़ग्रस्त नहीं है। फिर भी जलनिकासी के लिए नाला का निर्माण आजतक नहीं किया गया। परिवार के बच्चे घर से नहीं निकलते हैं। हमेशा सांप- बिच्छू का डर लगा रहता है। लेकिन, पेट की ज्वाला शांत करने के लिए लोगों को घर से बाहर काम पर निकलना पड़ता है। वहीं, पशु दिन-रात पानी में ही खड़ा रहता है जिस कारण बीमार पड़ते जा रहे हैं। हर वर्ष बारिश के मौसम से लेकर छठ पूजा तक यहां के लोग जलजमाव की समस्या से जूझने को विवश हैं। इस संबंध में अरविंद पाठक, अशोक पाठक, मृत्यंजय पाठक, गायत्री देवी, पार्वती देवी, सीताराम सहनी आदि ने बताया कि आठ अगस्त को डीएम को लिखित आवेदन देकर नाला निर्माण की माग की गई थी, लेकिन आजतक कोई कार्रवाई नहीं हुई। आज भी इस टोले के डूबे परिवार जलनिकासी का इंतजार कर रहे हैं। लोगों ने सासद, विधायक समेत जनप्रतिनिधियों को इस समस्या से अवगत कराया, लेकिन स्थिति यथावत बनी हुई है।
औराई में बागमती का जलस्तर बढ़ा, किसानों में मायूसी
पिछले 48 घटों से रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण बागमती नदी के जलस्तर में चार फीट की वृद्धि दर्ज की गई। कटौझा में बागमती का जलस्तर खतरे के निशान से 25 सेंटीमीटर नीचे था, जबकि पिछले 24 घटे में लगभग डेढ़ मीटर वृद्धि की बात जल संसाधन विभाग के सूत्रों ने बताई। इस बीच तेज हवा के झोंके और रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण प्रखंड क्षेत्र में जनजीवन अस्तव्यस्त रहा। लोग घरों से अनावश्यक नहीं निकले। खराब मौसम के बीच दिनभर बिजली की आवाजाही लगी रही। असामयिक वर्षा के कारण धान की लगभग तैयार हो चुकी फसल को व्यापक नुकसान पहुंचा है। धान की फसलें तेज हवा एवं बारिश के कारण लगभग गिर चुकी हैं। अब आने वाले समय में रबी की फसल पर भी ग्रहण लग चुका है। कुछ सप्ताह बाद रबी की फसल के लिए किसान खेत तैयार करते, लेकिन अब खेतों से पानी नहीं निकलना मुश्किल होगा। पहले से ही बर्बाद हो चुकी खरीफ की फसलों से किसान मायूस थे और आने वाले समय में रबी की फसलों के प्रति आशान्वित थे। लेकिन रही सही कसर वर्तमान में बारिश ने पूरी कर दी है।