दरभंगा इंजीनियरिंग कॉलेज में 25 फीसद कम हुईं सीटें, सरकार की इस गलती की सजा भुगतेंगे छात्र

शिक्षकों व भवन की कमी का भुगतना पड़ा खामियाजा, अब हर ट्रेड में 60 की जगह केवल 45 छात्रों का होगा नामांकन।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Wed, 19 Dec 2018 07:16 PM (IST) Updated:Wed, 19 Dec 2018 07:16 PM (IST)
दरभंगा इंजीनियरिंग कॉलेज में 25 फीसद कम हुईं सीटें, सरकार की इस गलती की सजा भुगतेंगे छात्र
दरभंगा इंजीनियरिंग कॉलेज में 25 फीसद कम हुईं सीटें, सरकार की इस गलती की सजा भुगतेंगे छात्र

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। मब्बी स्थित दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में 25 फीसद सीटों की कटौती कर दी गई है। एआइसीटीई की ओर से जारी सूचना के अनुसार अब कॉलेज में 240 की जगह केवल 180 सीटों पर ही नामांकन हो सकेगा। इसके पीछे मुख्य कारण कॉलेज में शिक्षकों की कमी एवं भवन का अभाव बताया जा रहा है। एआइसीटीई के अनुसार कॉलेज में शिक्षकों के कुल 84 सृजित पद हैं जिसमें केवल 52 ही कार्यरत हैं। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि यहां शिक्षकों के सृजित पद 64 ही हैं, एआइसीटीई की सूचना भ्रामक है। जहां तक भवन का सवाल है तो कॉलेज में इसका अभाव जरूर है, लेकिन फिलहाल लगभग 34 करोड़ की लागत से पीडब्ल्यूडी भवन का निर्माण कर रहा है। इसके अगले साल पूरा होने की संभावना है। कॉलेज प्रशासन ने सीटों की कटौती के खिलाफ एआइसीटीई में अपील का मन बना लिया है।

चार ट्रेडों की होती है पढ़ाई

इस कॉलेज में फिलहाल चार ट्रेडों की पढ़ाई हो रही है। इसमें सिविल इंजीनियरिंग, मेकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एवं कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग शामिल है। अब तक इन चारों ट्रेडों में कुल 60-60 सीटों पर नामांकन होते रहे हैं। सीट कटौती के बाद अब इन चारों ट्रेडों में 45-45 सीटों पर ही नामांकन होंगे। इससे छात्रों में भी निराशा है।

सरकार की नीति का खामियाजा

तकनीकी छात्र संगठन के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मो. गुलफराज का कहना है कि सीट कटौती का निर्णय सही है। एआइसीटीई के कई मापदंड हैं जिनका कॉलेजों में अभाव है। लेकिन, इसके लिए सबसे अधिक सरकार की नीति जिम्मेवार है। नए-नए कॉलेज तो खोले जा रहे हैं, लेकिन पुराने कॉलेजों को सुदृढ़ करने का प्रयास नहीं किया जा रहा। यही वजह है कि दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के साथ-साथ सूबे के लगभग साठ फीसद इंजीनियरिंग कॉलेजों में सीटों की कटौती कर ली गई है। सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। हालांकि, तकनीकी छात्र संगठन की विश्वविद्यालय अध्यक्ष खुशबू कुमारी इस कटौती को गलत मानते हुए कहती हैं कि इससे छात्रों को नुकसान है। सीटों में कटौती से कई छात्र बीटेक की पढ़ाई से वंचित रह जाएंगे।

   इस बारे में दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के प्रधानाचार्य डॉ. अमरेश कुमार राय ने कहा कि एआइसीटीई के निर्णय के खिलाफ अपील कर रहे हैं। शिक्षकों की संख्या को लेकर भ्रामक स्थिति है, सुनवाई में हम अपना पक्ष रखेंगे। साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग को पत्र भेजा जा रहा है। इसमें शिक्षकों की कमी को दूर करने और जल्द से जल्द कॉलेज को भवन हस्तगत कराने का पीडब्ल्यूडी को निर्देश देने की मांग की गई है।

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