बिहार के पूर्वी चंपारण में बड़ा हादसा, चिरैया में नाव पलटने से 22 लोग डूबे, 10 बचाए गए
सभी लोग नाव से मवेशियों के लिए चारा काटने सरेह की ओर जा रहे थे। इसी दौरान नाव पलट गई और यह हादसा हो गया। घटनास्थल पर भारी संख्या में लोगों की भीड़ जुटी हुई है। वहीं पुलिस और गोताखोरों की मदद से लोगों को निकालने की कोशिश जारी है।
मोतिहारी, जासं। सिकरहना नदी में चिरैया प्रखंड क्षेत्र के शिकारगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत गोढ़िया हराज गांव के समीप रविवार की सुबह करीब ग्यारह बजे एक नाव पलट गई, जिससे उसपर सवार सभी लोग डूब गए। इसके बाद हुए शोरगुल पर जुटे लोगों में स्थानीय गोताखोरों ने दस लोगों को सुरक्षित निकाल लिया। वहीं एक आठ वर्षीय बच्ची चांदनी कुमारी को बचाया नहीं जा सका और उसका मृत शरीर बरामद किया गया। चांदनी मोतीलाल भगत की पुत्री बताई गई है। शेष लोगों की खोज की जा रही है। एनडीआरएफ की टीम को बुलाया जा रहा है। बचाए गए लोगों में हीरालाल सहनी की पत्नी मांती देवी (40), होरिल सहनी की पत्नी बलिया देवी (45), रामाशीष सहनी की पत्नी झिमरी देवी (53), प्रभु पंडित की पत्नी मुन्ना देवी (55), खुशी देवी समेत अन्य दस लोगों को नदी से निकाल कर पकड़ीदयाल व मोतिहारी के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। मिली जानकारी के अनुसार सभी लोग नाव से मवेशियों के लिए चारा काटने सरेह की ओर जा रहे थे। इसी दौरान नाव पलट गई और यह हादसा हो गया। नाव प्रगाश सहनी चला रहा था। घटनास्थल पर भारी संख्या में लोगों की भीड़ जुटी हुई है। वहीं पुलिस और गोताखोरों की मदद से डूबे हुए लोगों को निकालने की कोशिश जारी है। घटनास्थल पर सिकरहना एसडीएम, डीएसपी व थानाध्यक्ष आदि कैम्प कर रहे हैं। एनडीआरएफ की टीम का इंतजार किया जा रहा है।
महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल
जैसे ही नाव पलटने और 22 से अधिक लोगों के डूबने की सूचना गांव के लोगों को मिली, काफी संख्या में लोग दौड़ते हुए वहां पहुंचे। इसके बाद स्थानीय प्रशासन व पुलिस को इसकी सूचना दी गई। सबसे पहले स्थानीय गोताखोर ही घटनास्थल पर पहुंच सके। शव के खोजने का क्रम जारी है। वहीं दूसरी ओर जिनके स्वजन इस नाव में सवार थे, उनका हाल खराब है। तरह-तरह की आशंकाएं उनके मन में हैं। महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल है।
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बरसात में नाव हादसों की संख्या बढ़ी
गौरतलब है कि इस बरसात के मौसम बिहार के विभिन्न हिस्सों में नाव हादसे हुए हैं। जिससे कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी हैं। कुछ दिन पहले समस्तीपुर में एक नाव हादसा हुआ था। जिसमें मुजफ्फरपुर के दंपती समेत कई लोग मर गए थे। उसी तरह से छपरा के सोन नदी से पीली बालू लादकर एक नाव सोनपुर के दियारा क्षेत्र की तरफ आ रही थी। देर रात यह गंगा नदी में डूब गई। घटना के समय नाविक समेत दो दर्जन मजदूर इसमें सवार थे। नाव में क्षमता से अधिक लोगों के सवार हो जाने की वजह से इस तरह के हादसे आए दिन होते रहते हैं।
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