समस्तीपुर नगर निगम में टैक्स 13 तरह के, बुनियादी सुविधाएं मयस्सर नहीं
तमाम इलाकों में लोग टूटी सड़क जलजमाव व गंदगी के कारण नर्क भोग रहे हैं। मनोरंजन स्वास्थ्य सेवा आदि के नाम पर नगर निगम की उपलब्धियां शून्य है। शहर को अभी भी विकास कार्यों के लिए तरसना पड़ता है।
समस्तीपुर, जासं। नगर निगम तो आत्मनिर्भर है, लेकिन, राजस्व वसूली के हिसाब के शहर में बुनियादी सुविधाओं का काफी अभाव है। तमाम इलाकों में लोग टूटी सड़क, जलजमाव व गंदगी के कारण नर्क भोग रहे हैं। मनोरंजन, स्वास्थ्य सेवा आदि के नाम पर नगर निगम की उपलब्धियां शून्य है। शहर को अभी भी विकास कार्यों के लिए तरसना पड़ता है। जबकि, नगर निगम के द्वारा नागरिकों से सुविधा शुल्क के नाम पर तरह तरह के टैक्स वसूले जाते हैं। तमाम साधन, संसाधन और कर वसूली के बाद भी सरकार से मदद की दरकार रहती है। नगर निगम के आंतरिक स्त्रोतों से प्राप्त राजस्व का अधिकांश हिस्सा कर्मचारियों के वेतन मद में भुगतान कर दिया जाता है। इसके अलावे संसाधनों के देखरेख व छोटे मोटे आवश्यक कार्यों में रुपये खर्च किए जाते हैं। नगर प्रबंधक राजेश कुमार ने बताया कि लक्ष्य अनुरूप राजस्व प्राप्ति के लिए लगातार काम किया जा रहा है।
आंतरिक श्रोतों से राजस्व वसूली में पिछड़ रहा नगर निगम
शहर के विकास कार्यों में अहम भूमिका निभाने वाली नगर निगम आंतरिक स्त्रोतों से राजस्व वसूली में पिछड़ रही है। अफसरों में ढिलाई से कई मदों मे वसूली न के बराबर है। प्रापर्टी टैक्स, स्टॉल किराया, मोबाइल लाइसेंस शुल्क समेत कई मदों में काफी खराब प्रदर्शन रहा है। नगर को सबसे अधिक राजस्व प्रापर्टी टैक्स से प्राप्त होती है। पिछले जून माह में निर्धारित लक्ष्य का 29.38 प्रतिशत ही प्रोपर्टी टैक्स वसूला गया। जबकि, मांग 1 करोड़ 58 लाख 96 हजार रुपये की थी। इस प्रकार मोबाइल टावर से 0.5 प्रतिशत, ट्रेड लाइसेंस से शून्य, शॉप रेंट से 2.15 प्रतिशत, विज्ञापन से शून्य, बस स्टैंड से शून्य, गुदरी मार्केट से 14 प्रशित, मगरदही से शून्य, कीलखाना से 19 प्रतिशत, जन्म मृत्यु रजिस्ट्रेशन से शून्य, बिल्डिंग परमिशन से 70 प्रतिशत राजस्व प्राप्त हुआ।
नगर परिषद (उत्क्रमित नगर निगम) की अधिक जमीन सैरातों की बंदोबस्ती नहीं होने के कारण लाखों रुपये राजस्व को क्षति हो रही है। चालू वित्तीय वर्ष में गुदरी मार्केट, होल्डिंग, ताजपुर रोड स्थित पार्किंग स्थल की बंदोबस्ती काम पूरा नहीं हो पाया है। जबकि, पिछले कई वर्षों से कर्पूरी बस पड़ाव का डाक नहीं हो पाया। नगर निगम को इससे प्रतिवर्ष लाखों रुपये क्षति हो रही है।
राजस्व वसूली
जनवरी : 64 प्रतिशत
फरवरी : 72 प्रतिशत
मार्च : 82 प्रतिशत
अप्रैल : 82 प्रतिशत
जुलाई : 29 प्रतिशत