कोरोना की तीसरी लहर को बंदरा सीएचसी तैयार, 10 बेड का बना पीआइसीयू
कोरोना की तीसरे लहर की संभावना को देखते हुए सभी पीएचसी में बच्चों के इलाज के लिए 10 बेड का पीआइसीयू तैयार किया जा रहा है।
मुजफ्फरपुर : कोरोना की तीसरे लहर की संभावना को देखते हुए सभी पीएचसी में बच्चों के इलाज के लिए 10 बेड का पीआइसीयू तैयार किया जा रहा है। इसी कड़ी में बंदरा में पहला पीआइसीयू बनकर तैयार है। बीवी कॉलेजिएट में भी 220 बेड की तैयारी है। सिविल सर्जन डा.एसके चौधरी ने कहा कि एक सप्ताह के अंदर सभी पीएचसी प्रभारी को 10 बेड की तैयारी पूरी कर लेने का टास्क दिया गया है।
सीएस ने कहा कि बंदरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जिले का पहला पीआइसीयू वार्ड बनकर तैयार है। इसमें फिलहाल छह बेड हैं। चार और बेड बनाने का काम चल रहा है। अन्य सभी पीएचसी में भी एक सप्ताह में विशेष पीआइसीयू बनकर तैयार हो जाएगा।
पीआइसीयू वार्ड बच्चों के लिए काफी महत्वपूर्ण
बंदरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी डा.सुमित पंसारी व केयर के जिला समन्वयक सौरभ तिवारी ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर बच्चों के लिए बना पीआइसीयू वार्ड काफी महत्वपूर्ण है। इसे अस्पताल भवन के चौथे तल पर बनाया गया है। इस वार्ड में हर बेड के पास ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, सिलेंडर व सक्शन मशीन उपलब्ध है। साथ ही नौ एएनएम व तीन शिशु रोग विशेषज्ञों को 24 घंटे के रोस्टर में लगाया गया है। इसी हफ्ते सभी नर्स और चिकित्सकों को जिला मुख्यालय में विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। बताया कि बंदरा सीएचसी में जिले के दूर-दराज क्षेत्रों से मरीज आते हैं। ऐसे में यहां बच्चों के लिए पीआइसीयू जरूरी है। प्राथमिक उपचार के बाद या हालात को स्थिर कर उन्हें विशेष चिकित्सा के लिए रेफर जाए। अभी इस सीएचसी में सिर्फ ओपीडी की सेवा लोगों को मिल रही है। विशेष परिस्थिति में लोगों को मुरौल या बगल के जिले समस्तीपुर जाना पड़ता है। इसके साथ 15 पीएचसी में तेजी से पीआइसीयू बनाने का काम चल रहा है। एक सप्ताह के अंदर सभी जगहों पर ये बनकर तैयार हो जाएगा।
हर स्तर पर चल रही तैयारी
सिविल सर्जन ने कहा कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को मास्क की सिफारिश नहीं है। मास्क उम्र के हिसाब से होने चाहिए। कोरोना की तीसरे लहर से चिंतित न होकर बच्चों के अच्छे पोषण और शारीरिक गतिविधि के साथ उन्हें स्वस्थ रखना मुख्य चिता की बात होनी चाहिए। छोटे बच्चों के लिए कार्यक्रम के अनुसार अलग-अलग टीकाकरण की आवश्यकता होती है। यह महत्वपूर्ण है कि टीकाकरण शत-प्रतिशत हो। जितनी जल्दी हो सके सुरक्षित रूप से उन्हें टीके लगवाएं। बीवी कॉलेजिएट स्थित बिहार बोर्ड के कार्यालय में 220 बेड का डेडिकेटेड अस्पताल बन रहा है। इसमें ग्राउंड फ्लोर पर 20, फर्स्ट फ्लोर पर 80, दूसरे फ्लोर पर 80 व और थर्ड फ्लोर पर 40 बेड बनाए गए हैं। सभी बेड आक्सीजन युक्त हैं। इसके अलावा एसकेएमसीएच में भी सौ बेड का डेडिकेटेड अस्पताल शीघ्र बनेगा। साथ ही मीनापुर, औराई, साहेबगंज व गायघाट में 50-50 बेड का डेडिकेटेड अस्पताल बनाने के लिए स्थल चिह्नित किए गए हैं। वह खुद हर पीएससी का निरीक्षण कर आवश्यक तैयारी की समीक्षा भी कर रहे हैं।