मुंगेर के लाल ने किया कमाल, यूपीएससी की परीक्षा में लहराया परचम

मुंगेर । देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा मानी जाने वाली यूपीएससी (यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन) में

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 07:06 PM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 07:06 PM (IST)
मुंगेर के लाल ने किया कमाल, यूपीएससी की परीक्षा में लहराया परचम
मुंगेर के लाल ने किया कमाल, यूपीएससी की परीक्षा में लहराया परचम

मुंगेर । देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा मानी जाने वाली यूपीएससी (यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन) में मुंगेर के लाल राजहंस कुमार सिंह ने 660वीं रैंक लाकर पूरे जिला का नाम रौशन किया है। मुंगेर शहर के बेटवन बाजार दुर्गा स्थान निवासी किसान दयानंद प्रसाद सिंह और मां ललिता देवी के पुत्र राजहंस कुमार सिंह ने यूपीएससी की परीक्षा में 660वीं रैंक लाया है। किसान परिवार में जन्में राजहंस ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंगेर में ही पूरी की। राजहंस कुमार सिंह ने बताया कि मैंने दसवीं तक की पढ़ाई मुंगेर में ही पूरी की। इसमें उन्होंने वर्ष 2009 में सरस्वती विद्या मंदिर से प्रथम श्रेणी में दसवीं की परीक्षा पास की थी। इसके बाद वर्ष 2011 में उन्होंने आंध्र प्रदेश के हैदराबाद के श्री चैतन्य स्टडी सेंटर से अपनी 12वीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की। वर्ष 2015 में उनका चयन ऑल इंडिया इंजीनियरिग एंट्रेंस एग्जाम में हो गया। जिसके बाद 2015 में उन्होंने पश्चिम बंगाल के एनआइटी दुर्गापुर तकनीकी संस्थान से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिग में बीटेक की डिग्री हासिल की। इसके बाद वर्ष 2015 से 2016 तक उन्होंने कोलकाता के एकएम जंक्शन सर्विस कंपनी में काम किया। लेकिन, आइएएस बनने का सपना देखने वाले राजहंस नौकरी छोड़ कर वर्ष 2017 में सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए दिल्ली चले गए। जहां उन्होंने किसी कोचिग सेंटर के बदले खुद ही सेल्फ स्टडी कर सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी की। इस दौरान उन्होंने 2017 और 2018 में भी सिविल सर्विसेज की परीक्षा दी थी। लेकिन, सफलता नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2019 में तीसरी बार सिविल सर्विसेज की परीक्षा दी। जिसमें उन्हें 660वीं रैंक आया है।

माता-पिता ने हर कदम पर दिया साथ राजहंस कुमार सिंह ने बताया कि उनके पिता दयानंद प्रसाद सिंह एक किसान हैं और उनकी मां ललिता सिंह एक गृहिणी हैं। वे केवल एक ही भाई हैं। जबकि एक बहन है, जिसकी शादी हो चुकी है। उन्होंने बताया कि उनके माता और पिता अधिक शिक्षित नहीं है। इसके बावजूद उन्होंने हमेशा उनके निर्णय में उनका साथ दिया। हमेशा बेहतर करने के लिए प्रेरित किया। सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी के दौरान भी मेरे माता पिता प्रतिदिन फोन पर बातचीत करते थे और उन्हें हमेशा हार से हतोत्साहित न होकर और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। मेरे माता-पिता हमेशा से मेरे आदर्श रहे।

chat bot
आपका साथी