चहुंओर फैल रहा दुर्गंध, किसी को शहर का फिेक्र नहीं

मुंगेर । योगनगरी की सफाई व्यवस्था पूरी तरह बेपटरी हो गई है। निगम कर्मियों की हड़ताल की

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 08:30 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 08:30 PM (IST)
चहुंओर फैल रहा दुर्गंध, किसी को शहर का फिेक्र नहीं
चहुंओर फैल रहा दुर्गंध, किसी को शहर का फिेक्र नहीं

मुंगेर । योगनगरी की सफाई व्यवस्था पूरी तरह बेपटरी हो गई है। निगम कर्मियों की हड़ताल की वजह से शहर की स्थिति काफी नारकीय हो गई है। कई सड़कों से गुजरना दूभर हो गया है। मांगों के समर्थन में बुधवार को तीसरे दिन भी सफाई कर्मी कामकाज से अलग रहे। कूड़े का उठाव नहीं हो सका है। ऐसे में कूड़ा प्वाइंट और घरों से कूड़ों का उठाव नहीं हो सका। तीन दिनों में 180 टन कूड़ा जहां-तहां बिखरा हुआ है। हालांकि, नगर आयुक्त का प्रभार एडीएम को मिलने के बाद उन्हें वितीय अधिकार भी मिल गया है। डिजिटल हस्ताक्षर के कारण कुछ पेच फंस हुआ है। दो से तीन दिनों में इसे भी सुलझा लिया जाएगा। नगर निगम कर्मचारी यूनियन के महामंत्री ब्रह्मदेव पासवान ने कहा कि वेतन भुगतान और हड़ताल अवधि समोयाजन का लिखित आश्वासन मिल जाए तो सभी कामकाज पर लौट आएंगे। महामंत्री ने बताया कि दशहरा से पहले दो माह के वेतन भुगतान की घोषणा कर दिया जाना चाहिए। महामंत्री ने साफ कहा कि जबतक मांग पूरा नहीं हो जाता, काम पर वापस नहीं लौटेंगे।

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पेयजल आपूर्ति पर नहीं है असर

कस्तूरबा वाटर वकर्स श्रमिक यूनियन के महामंत्री दिलीप कुमार ने कहा कि कर्मचारियों को तीन माह से वेतन नहीं मिला है। ऐसे में भुखमरी की नौबत आ गई है। वेतन भुगतान के लिए कई बार कहा गया है। इसके बाद भी कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका है, इससे कर्मियों में काफी आक्रोश है। यहां भी लोग हड़ताल पर जाने वाले थे, लेकिन एडीएम को वितीय प्रभार मिलने के बाद सभी ने हड़ताल पर जाने का नहीं निर्णय लिया। बुधवार को शहर के वार्डों में पेयजल की आपूर्ति होती रही। वार्डों में पेयजल आपूर्ति बंद होता तो लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता।

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जगह-जगह लगा कूड़े का ढ़ेर

कूड़ा उठाव नहीं होने से शहर की सड़कों पर जहां तहां कचरे का ढेर लग गया है। टैक्सी स्टैंड, बस पड़ाव, नीलम रोड, दीनदायल चौक, गुलजार पोखर रोड, लल्लू पोखर, बेलन बाजार, कौड़ा मैदान, बड़ी बाजार सहित कई इलाकों में कूड़ा बिखरा पड़ा हुआ है। तीसरे दिन भी सफाई के लिए यहां से गाड़ियां नहीं निकल पाईं। सड़कों पर कचरा पसरे रहने के कारण लोग नाक-मुंह बंद कर चल रहे हैं। गंदगी का आलम यह है कि लोग रास्ते बदलकर चलने को मजबूर हैं। एक तरह समझे तो योगनगरी भगवान भरोसे है। पूरा शहर गंदगी और दुर्गंध से बजबजा रहा है।

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