धूमधाम से मनाई गई संत रविदास की जयंती

मुंगेर । संत रविवाद की जयंती शुक्रवार को धूमधाम से मनाई गई। कांग्रेस कार्यालय में जमालपुर ि

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 09:45 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 09:45 PM (IST)
धूमधाम से मनाई गई संत रविदास की जयंती
धूमधाम से मनाई गई संत रविदास की जयंती

मुंगेर । संत रविवाद की जयंती शुक्रवार को धूमधाम से मनाई गई। कांग्रेस कार्यालय में जमालपुर विधायक सह जिलाध्यक्ष डॉ. अजय सिंह की अध्यक्षता में संत रविदास की जयंती मनाई गई। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष ने कहा कि संत रविदास की जयंती प्रत्येक वर्ष माघ माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। संत रविदास ने अपना जीवन प्रभु की भक्ति और सत्संग में बिताया था। वे बेहद ही परोपकारी थे। ऐसा कहा जाता है कि इन्हें मीरा बाई भी अपना गुरु मानती थीं। इनकी प्रतिभा से सिकंदर लोदी भी प्रभावित हुआ था। अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मु. तारिक अनवर ने कहा कि संत रविदास जी की वाणी को अपने जीवन मे उतारने की जरूरत है। ऐसे महापुरुष को अपना आदर्श मान कर जीवन जीने का प्रयास करना चाहिए। इस अवसर पर शंकर साई, मु. कमाल, •ाहिद, अकरम परवेज आदि मौजूद थे।

जमालपुर : सरस्वती विद्या मंदिर दौलतपुर जमालपुर के भैया बहनों की ओर से गांधी टोला रामपुर में संत रविदास की जयंती मनाई गई।

विद्या मंदिर के भैया बहनों ने जहां संत रविदास के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उनके बताए मार्गों पर चलने का संकल्प लिया। जयंती समारोह की अध्यक्षता विनोद कुमार सिंह ने की। भैया शनिदेव, निशांत राज, उज्ज्वल पटेल और बहन शांति प्रिया, रिया कुमारी, अनोखी गौतम आदि द्वारा भजन कीर्तन सहित अन्य तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए किया गया। इस दौरान आचार्य संजय कुमार ठाकुर ने संत रैदास के जीवन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर खुशबू कुमारी, सुप्रिया सुमन, शर्मिली बाला, आचार्य पीयूष कुमार , संजय कुमार ठाकुर ,विनोद कुमार सिंह और श्याम कुमार आदि मौजूद थे।

तारापुर : संत शिरोमणि रविदास जी की जयंती समारोह पूर्वक मनाई गई। प्रखंड के वनगांवा गांव के सामुदायिक भवन में अनुयायियों द्वारा जयंती समारोह का आयोजन किया गया । समारोह का संचालन अशोक दास ने किया । रविदास जी के 644 वें जन्म दिवस के अवसर पर आसपास के गांव से भी बड़ी संख्या में लोग जुटे। उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। वक्ताओं ने कहा कि सतगुरु रविदास जी भारत के विशेष महापुरुषों में से एक हैं । जिन्होंने अपने आध्यात्मिक वचनों से सारे संसार को एकता भाईचारा से जोड़ दिया था। उन्होंने जीवन भर समाज में फैली कुरीति जैसे जात पात के अंत के लिए काम किया। उनका जन्म वाराणसी में 1398 ई. को हुआ था और 1540 ई. को शरीर का त्याग किया था। इन्हें गुरु रविदास जी के नाम से जाना जाता है। प्रखंड अध्यक्ष अरविद रजक द्वारा संत रविदास जी की वाणी जो मन चंगा तो कठौती में गंगा के भावार्थ को विस्तार से बताते हुए कहा कि संत रविदास लोगों के जूते सिलते हुए भगवान का भजन करने में मस्त रहते थे। इसी क्रम में एक महिला उनके पास पहुंची और उन्हें गंगा स्नान करने की सलाह दी। मस्तमौला संत रविदास जी ने कहा कि जो मन चंगा तो कठौती में गंगा, यानी यदि आपका मन पवित्र है तो यही गंगा है। इस पर महिला ने संत से कहा कि आपके कठौती में गंगा है तो मेरी झुलनी गंगा में गिर गई थी। आप मेरी झुलनी ढूंढ दीजिए । इस पर संत रविदास ने अपना चमड़ा भिगोने की कटौती में हाथ डाला और महिला की झूलनी निकाल कर दे दी। इस चमत्कार से महिला हैरान रह गई और उनके प्रसिद्धि के चर्चे दूर-दूर तक फैल गई। विधिक संघ के सदस्य अमर कुमार सिंह द्वारा भी संत के वाणी प्रभु जी तुम चंदन हम पानी के मर्म को समझाया गया। समारोह में बनवारी दास, गणेश दास, उदय दास, विमल दास, साजन कुमार दास, देवानंद दास, पुनीत सिंह सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।

असरगंज : संयाल साधन धाम के प्रांगन में संत रविदास की जयंती मनाई गई। समारोह के मुख्य वक्ता डॉ. मंगलनाथ पाठक ने कहा कि भगवान की भक्ति एवं आराधना के लिए सभी मनुष्य, किसी भी जाति , किसी भी धर्म के लोग उपासना करते हैं। भगवान के भजन से स्त्री -पुरूष सभी बंधन से मुक्त हो जाते हैं। भगवान की भक्ति पर सबों का अधिकार है।

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