गरीबों की थाली से गायब हुई हरी सब्जी, महंगाई ने बिगाड़ा रसोई का बजट
मुंगेर । पर्व त्योहार का सीजन शुरू है। इसे लेकर खरीदारी शुरू हो गई है। लेकिन इस बार मह
मुंगेर । पर्व त्योहार का सीजन शुरू है। इसे लेकर खरीदारी शुरू हो गई है। लेकिन, इस बार महंगाई पर्व त्योहार के उमंग पर पानी फेर दे रहा है। सब्जियों के दामों में आई तेजी ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। गरीबों की थाली से सब्जी गायब हो गई है। हाल ऐसा है कि अब कई सब्जियां आम आदमी की पहुंच से बाहर हो चुकी है। सब्जी की कीमत सुनते ही लोगों के पसीने छूटने लगता है। हालात यह है कि आलू 40 रुपये, प्याज 60 रुपये, टमाटर की कीमत 60 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। इसी प्रकार दूसरी हरी सब्जियों के भी दाम दिनोंदिन बढ़ रहे हैं। जिसके कारण सब्जी खरीदने में गरीब एवं मध्यमवर्गीय परिवारों को काफी परेशानियों को सामना करना पड़ता है। बता दें कि लॉकडाउन के समय में जो सब्जियां 5 से 7 रुपये प्रति किलो मिल रहे थे। उसी सब्जी की कीमत अब कई गुणा बढ़ गई है। ऐसे में अब सब्जी मंडी में ग्राहकों की संख्या कम होने लगी है। परिस्थिति तो यह बन गई हैं कि कई लोग नाम मात्र की सब्जी ़खरीदकर काम चला रहे है। सब्जी बिक्रेता मु. खुर्शीद ने बताया कि सब्जी की कीमत में काफी वृद्धि् हो गई है। प्रत्येक दिन रेट बढ़ रहा है। अधिक कीमत हो जाने के कारण इसका असर बिक्री पर पड़ रहा। जो ग्राहक एक किलो सब्जी ले जाते थे। वे एक पाव खरीदते है। रेट बढ़ने से ग्राहक तो परेशान है ही, इससे ज्यादा हमलोग परेशान हो रहे है। सब्जी की बिक्री ज्यादा नहीं होने से सब्जी सड़ने लगता है। जिससे हमलोगों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। सब्जी की कीमत में आई तेजी के कारण कई घरेलू महिलाएं दो वक्त सब्जी बनाने के बजाय अब महंगाई को देखते हुए एक वक्त सब्जी बनाकर ही काम चला रहीं है।
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क्या कहती हैं गृहणी
सब्जी की कीमत ने रसोई का बजट बिगाड़ कर दिया है। पहले दो से तीन हजार रुपये में एक माह तक मनपसंद सब्जी खाते थे। लेकिन लॉकडाउन के बाद हर रोज सब्जी के दाम बढ रहे है। अब पांच से सात हजार सब्जी मद में खर्च करना पड़ता है। हमलोगों को पूरा बजट बिगाड़ कर रया दिया है। जिससे हमलोग परेशान है।
उषा गुप्ता
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सब्जी के दामों में बेतहासा बूद्धि् से हमलोग परेशान है। हरि सब्जी के साथ साथ आलू प्याज की कीमत काफी ज्यादा बढ़ जाने से सब्जी मन मुताबिक नहीं खा पाते है। लेकिन इस और न पशासनिक अधिकारी ध्यान दे रहे है न ही जनप्रति निधि, जिससे हमलोगों का बजट बिगाड़ के रख दिया है।
कला देवी
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पहले सभी बोलते थे कि सब्जी खाओ सेहत बनाओ। अब तो कई सब्जी के दाम आसमान छूने से हालात ये हो गए हैं कि सब्जी सूंघकर काम चला लो। इतनी महंगाई में कैसे परिवार के सदस्य स्वस्थ्य रहेंगे, यह विचारणीय मुद्दा है। सरकार और प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए। और सब्जी की कीमत पर शीघ्र नियंत्रण करना चाहिए।
निशा भारती
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योगनगरी में सब्जी के रेट
सब्जी दर प्रति किलो
आलू- 40
प्याज- 60
शिमला मिर्च- 120
नेनुआ - 50
परवल- 80
भिडी- 60
धनिया- 300
हरा मिर्च- 150
टमाटर- 60
गाजर- 80
वीट- 60