ग्रामीण क्षेत्र में धूमधाम से मनाया गया सतुआनी का त्योहार

मुंगेर। लोक पर्व विसुआ (सतुआनी) बुधवार को ग्रामीण क्षेत्र में धूमधाम से मनाया गया। सतुआनी को वैश्

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 07:31 PM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 07:31 PM (IST)
ग्रामीण क्षेत्र में धूमधाम से मनाया गया सतुआनी का त्योहार
ग्रामीण क्षेत्र में धूमधाम से मनाया गया सतुआनी का त्योहार

मुंगेर। लोक पर्व विसुआ (सतुआनी) बुधवार को ग्रामीण क्षेत्र में धूमधाम से मनाया गया। सतुआनी को वैशाख का प्रारंभ कहा जाता है। सूर्य के मीन से मेष राशि में चले जाने से ग्रीष्म ऋतु का प्रारंभ भी हो जाता है। इस मौसम में शरीर को ठंडक देने वाले आहार के सेवन का प्रावधान है। रबी के नए फसल आ जाने से इस अनाज के सत्तू खाने का महत्व को भी इससे जोड़ा गया है ।

आम के टिकुले से बनी चटनी शरीर को ठंडक प्रदान करने के साथ सुपाच्य भी माना जाता है । सतुआनी के दिन नया अनाज का सत्तू खाने का रिवाज है । गांव में देवी देवताओं को नए अन्य से बने सत्तू के साथ आम के टिकोला का भोग लगाने का विशेष महत्व है। इस दिन लोग विशेष रूप से गंगा गंगा स्नान करते हैं, परंतु कोरोना के कारण लोगों ने घरों पर ही इस रस्म को निभाया। पंडितों के अनुसार सूर्य का मीन से मेष राशि में प्रवेश होना काफी उच्च माना गया है। दूसरे महीनों की अपेक्षा सूर्य ज्यादा प्रभावशाली होता है । सूर्य का उच्च राशि में प्रवेश शुभ फलदाई भी है। इस अवसर पर लोगों ने नए अन्न के साथ मिट्टी से बने घड़ा का दान भी किया। शिवालयों में घड़े में पानी रखने की रस्म अदा की गई। पंडितों को जजमानो द्वारा दान देने का रस्म भी निभाया गया । इस दिन क्षेत्र में पतंग उड़ाने का भी कार्य किया जाता है । रात में विभिन्न प्रकार के बनाए गए भोजन को अगले दिन के लिए रखा जाता है। जिसे बसियोडा भी कहते हैं । अगले दिन घरों में चूल्हा नहीं जलता है। बीते रात्रि बनाए गए भोजन को ही खाने का प्रावधान है।

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