कोरोना संकट के बीच भी परिवार नियोजन को रफ्तार देने की तैयारी

मुंगेर । कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच सदर अस्पताल और सीएचसी में सुरक्षित संस्थागत प

By JagranEdited By: Publish:Fri, 28 May 2021 12:11 AM (IST) Updated:Fri, 28 May 2021 12:11 AM (IST)
कोरोना संकट के बीच भी परिवार नियोजन को रफ्तार देने की तैयारी
कोरोना संकट के बीच भी परिवार नियोजन को रफ्तार देने की तैयारी

मुंगेर । कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच सदर अस्पताल और सीएचसी में सुरक्षित संस्थागत प्रसव के साथ ही सरकार के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग द्वारा जारी मार्गदर्शिका के अनुसार परिवार नियोजन संचालित की जा रही हैं। सुरक्षित संस्थागत प्रसव के लिए सदर अस्पताल सहित जिले के रेफरल अस्पताल, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पर्याप्त सुविधा उपलब्ध हैं। कोरोना संक्रमित गर्भवती माताओं का भी कराया जा रहा है सुरक्षित प्रसव

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान भी प्रसव के लिए सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में गर्भवती को बेहतर स्वास्थ्य सेवा दी जा रही है। कोरोना संक्रमित गर्भवती माताओं के सुरक्षित प्रसव के लिए सदर अस्पताल में कोरोना गाइडलाइन को पूरा करते हुए विशेष व्यवस्था की गई है। इस दौरान सुरक्षा के मद्देनजर हर मानकों का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। ताकि प्रसव के दौरान किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो। इसके लिए सदर अस्पताल के लेबर रूम के पास ही अलग से एक कोविड डेडिकेटेड लेबर रूम बनाया गया है। जहां सैनिटाइजेशन के साथ ही साफ-सफाई की अच्छी व्यवस्था की गई है। यहां सभी के लिए मास्क, फेस शील्ड, पीपीई किट, ग्लब्स आदि का इस्तेमाल करना अनिवार्य है।

सुरक्षित मातृत्व के लिए प्रसव पूर्व जांच है जरूरी मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए बेहतर प्रसव व उचित स्वास्थ्य प्रबंधन जरूरी है। प्रसव पूर्व जांच से ही गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य की सही जानकारी मिलती है। गर्भावस्था में बेहतर शिशु विकास व प्रसव के दौरान होने वाले रक्तस्त्राव के प्रबंधन के लिए महिलाओं में पर्याप्त मात्रा में खून होना आवश्यक होता है। जिसमें प्रसव पूर्व जांच की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। एनीमिया प्रबंधन के लिए प्रसव पूर्व जांच के प्रति महिलाओं की जागरुकता न सिर्फ एनीमिया रोकथाम में सहायक होती है बल्कि सुरक्षित मातृत्व की आधारशिला भी तैयार करती है। ऐसे में प्रसव पूर्व जांच की महत्ता और अधिक बढ़ जाती है, क्योंकि यह मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

गाइडलाइन के अनुसार शुरू हुआ परिवार नियोजन

सरकार के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार अभी जिले भर में स्थाई गर्भनिरोधक साधन के स्थान पर अस्थाई गर्भ निरोधक साधन के रूप में पुरुष कंडोम, दैनिक गर्भ निरोधक गोली (माला), साप्ताहिक गर्भ निरोधक गोली (छाया), आपातकालीन गर्भनिरोधक ( ईजी), गर्भ निरोधक किट (निश्चय) एवं गर्भ निरोधक सुई (अंतरा) एमपीए को सदर अस्पताल से लेकर स्वास्थ्य उपकेंद्र तक उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके साथ ही विभिन्न पीएचसी क्षेत्र में काम करने वाली आशा और एएनएम के माध्यम से भी योग्य दंपती तक उपलब्ध करायी जा रही है।

कोट सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में सुरक्षित संस्थागत प्रसव के लिए सुरक्षा के मद्देनजर समुचित व्यवस्था उपलब्ध हैं। इसके अलावा प्रसव के बाद महिलाओं के स्वास्थ्य व शिशु के बेहतर शारीरिक और मानसिक विकास के लिए आवश्यक जानकारी भी दी जाती है, ताकि प्रसव के पश्चात भी माता एवं शिशु को किसी प्रकार की अनावश्यक परेशानी नहीं हो। वहीं, परेशानी होने पर तुरंत आवश्यक उपचार करा सकें।

-डॉ. हरेंद्र कुमार आलोक, सिविल सर्जन, मुंगेर

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