बाढ़ के पूर्व डकरानाला के जर्जर गेट का अधिकारियों ने लिया जायजा

1982 में बने एक दर्जन से ऊपर गेट की स्थिति को देख जताई चिता - विभाग के संवेदक को गेट दुरुस्त

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 May 2020 09:34 PM (IST) Updated:Wed, 27 May 2020 09:34 PM (IST)
बाढ़ के पूर्व डकरानाला के जर्जर गेट का अधिकारियों ने लिया जायजा
बाढ़ के पूर्व डकरानाला के जर्जर गेट का अधिकारियों ने लिया जायजा

1982 में बने एक दर्जन से ऊपर गेट की स्थिति को देख जताई चिता

- विभाग के संवेदक को गेट दुरुस्त करने के दिए निर्देश

संवाद सहयोगी, जमालपुर (मुंगेर) :

मुंगेर । डकरा नाला परियोजना अंतर्गत बनाए गए एक दर्जन से अधिक जर्जर गेट का जायजा लेने के लिए जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता (मेकेनिकल) एनके तिवारी अधिकारियों की टीम के साथ पहुंचे। मुख्य अभियंता लगभग एक घंटे तक डकरा नाला स्थित बने सभी गेटों का बारी-बारी से जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने जर्जर गेट की मरम्मत को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान मुख्य अभियंता उस समय आश्चर्यचकित रह गए, जब उन्होंने डकरा नाला के मुख्य गेट को उठाने के लिए कहा। गेट जर्जर होने के कारण गेट उपर नहीं उठ सका। इस पर मुख्य अभियंता ने संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि अगर गेट का कार्य अविलंब दुरुस्त नहीं होगा, तो बाढ़-बरसात के समय स्थिति भयावह हो सकती है। गेट के दक्षिणी छोड़ के गांव खेत खलियान डूब सकता है। दर्जनों गांव भी प्रभावित हो सकते हैं। इधर अधिकारियों को जानकारी देते हुए ऑपरेटर ने कहा कि गेट में हाइड्रोलिक तेल नहीं होने के कारण गेट जाम हो गया है। वही 2014 से गेट का मरम्मत कार्य देख रहे संवेदक प्रदीप कुमार ने बताया कि विभाग द्वारा अभी तक उनके द्वारा किए गए कार्यों की राशि का भुगतान नहीं किया गया है। फिर भी जर्जर गेट को दुरुस्त करने को लेकर विभाग को एक प्राक्कलन राशि का प्रोजेक्ट भेजा गया था, जो स्वीकृत नहीं हुआ है। इसके कारण गेट की स्थिति जर्जर बनी हुई है। ऑपरेटर एवं संवेदक के इस बात पर मुख्य अभियंता चितित नजर आए और इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जल्द कार्य पूरा कराने की बात कही। विदित हो कि 1982 में बने डकरा नाला पंप परियोजना का निर्माण कार्य 72 करोड़ से शुरू हुआ, जो 700 करोड़ में तब्दील हुआ। फिर भी किसानों के खेतों में एक बूंद पानी भी नसीब नहीं हुआ। निरीक्षण के दौरान कार्यपालक अभियंता अनवर आलम सहित आसपास के कुछ प्रबुद्ध किसान मौजूद थे।

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