कैसे स्कील्ड होंगे छात्र, जब विद्यालय में नहीं है कंप्यूटर

ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड संवाद सूत्र बरियारपुर (मुंगेर) मुंगेर । वर्तमान युग कंप्यूटर का

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Dec 2020 06:14 PM (IST) Updated:Thu, 17 Dec 2020 06:14 PM (IST)
कैसे स्कील्ड होंगे छात्र, जब विद्यालय में नहीं है कंप्यूटर
कैसे स्कील्ड होंगे छात्र, जब विद्यालय में नहीं है कंप्यूटर

ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड संवाद सूत्र, बरियारपुर (मुंगेर) :

मुंगेर । वर्तमान युग कंप्यूटर का युग है। यही कारण है कि राज्य सरकार भी छात्रों को तकनीकी शिक्षा से जोड़ कर उन्हें स्कील्ड बनाने की कवायद में जुटी है। छात्रों को कंप्यूटर की जानकारी देने के लिए मध्य और उच्च विद्यालयों में कंप्यूटर लगाए गए हैं, लेकिन प्रखंड का आदर्श इंटर स्तरीय विद्यालय घोरघट में अब तक कंप्यूटर नहीं लगा है। इस कारण यहां पढ़ने वाले छात्र कंप्यूटर शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। आदर्श इंटर स्तरीय विद्यालय घोरघट में वर्ग नौ से 12वीं तक के छात्रों की पढ़ाई होती है। विद्यालय में भागलपुर जिले के कई गांव के बच्चे भी प्रत्येक वर्ष नामांकन कराते हैं।

इंटर की कक्षा के लिए शिक्षकों है अभाव :

विद्यालय में चार शौचालय हैं। वहीं, 10 कमरे भी हैं। एक कमरे में प्रयोगशाला संचालित हो रहा है, तो दूसरे में प्रधानाध्यापक का कक्ष है। विद्यालय में 1135 बच्चे नामांकित हैं। विद्यालय का परीक्षा परिणाम बीते वर्ष लगभग 78 प्रतिशत रहा है। विद्यालय में 16 शिक्षक नवमी से 12वीं तक की शिक्षा देने के लिए कार्यरत हैं। इंटर की कक्षाओं के लिए विद्यालय में सिर्फ हिदी, संगीत और राजनीति शास्त्र के शिक्षक ही हैं। विज्ञान, गणित, अंग्रेजी, संस्कृत सहित कई विषयों के शिक्षक नहीं है। शिक्षक के अभाव में बच्चों की नियमित कक्षाएं भी नहीं संचालित हो पाती है। विद्यालय में बिजली की सुविधा है। गर्मी के दिनों में पंखे भी चलते हैं।

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छात्रों ने कहा

विद्यालय के बच्चों ने बताया कि इंटर में शिक्षकों की कमी के कारण उन लोगों की पढ़ाई बाधित होती है। विद्यालय में खेल सामग्री है, लेकिन मैदान नहीं रहने के कारण खेल के घंटी में छात्रों को विद्यालय परिसर से बाहर ले जाना पड़ता है। विद्यालय के समीप से मणि नदी बहती है। बाढ़ के दिनों में कटाव का खतरा बढ़ जाता है। विद्यालय भवन पर कटाव का खतरा मंडरा रहा है।

कोट :::

विद्यालय के शिक्षक नियमित कक्षा लेते हैं। विद्यालय में जगह की कमी नहीं है। विद्यालय में हॉल की जरूरत है, अगर विद्यालय के छत के ऊपर एक हाल बना दिया जाए तो इससे छात्रों को सेमिनार तथा अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम करने में सहूलियत होगी।

केदार पासवान, प्रधानाचार्य

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