खुली नालियों के बीच स्वच्छता का नारा, कैसे मिलेगी उड़ान

जागरण संवाददाता मुंगेर शहर की स्वच्छता को लेकर नगर प्रशासन की तमाम कोशिश तब विफल ह

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 07:14 PM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 07:14 PM (IST)
खुली नालियों के बीच स्वच्छता का नारा, कैसे मिलेगी उड़ान
खुली नालियों के बीच स्वच्छता का नारा, कैसे मिलेगी उड़ान

जागरण संवाददाता, मुंगेर : शहर की स्वच्छता को लेकर नगर प्रशासन की तमाम कोशिश तब विफल हो जाती है, जब शहर खुली नालियों की बजबजाती बदबू सभी को मुंह चिढ़ाती है। शहर में गंदे पानी के निस्तारण की कोई ठोस व्यवस्था अब तक जमीन पर नहीं है ही नहीं तो खुली नालियों के बीच आखिर पूर्ण स्वच्छता के सपनों को कैसे उड़ान मिलेगी। सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट योजना की सौगात तो 2018 में ही मिली लेकिन काम शुरू होने के कुछ माह बाद ही काम बंद हो गया। फिर से योजना की शुरुआत 2021 में शुरू हुई है। इस बीच लागत 123 करोड़ से बढ़कर 350 करोड हो गई। इसे धरातल पर लाने की कवायद भी शुरू हो चुकी है। बुडको के माध्यम इस काम को 2023 तक पूरा करना है। तब तक शहर की गंदे पानी के निस्तारण पुरानी व्यवस्था के तहत , यानि घर की गंदगी बड़े नाले से होकर गंगा को ही प्रदूषित करेगी। पालिथीन और घरों के कचरे से रोज जाम होने वाले बड़े नाले की नियमित साफ सफाई नहीं हो पाने से घरों के दूषित जल का ठहराव इन नालों में रहता है। गुलजार पोखर, बेकापुर, दो नंबर गुमटी, तीन नंबर गुमटी,अवकारी गोदाम,लाल दरवाजा गीता बाबू रोड, मिर्ची तालाब, हास्पिटल रोड,बेलन बाजार, लल्लू पोखर, खनकाह, मकसुसपुर सहित शहर में कई जगहों पर बड़ा नाला जाम रहने के कारण स्थानीय लोग परेशान रहते हैं। जब तक इनके ठोस निस्तारण की व्यवस्था नहीं होती तब तक इसके नियमित साफ सफाई की जिम्मेवारी नगर प्रशासन की है। वहीं आम शहरी का भी दायित्व है कि वे कूड़े कचरे व पालिथीन नाले में न फेंके तभी हमारा शहर भी इंदौर की तरह स्वच्छता रैंकिग में नवंबर वन बन सकता है।

-----------

स्वच्छता प्रहरी

सबसे पहले बड़े नालों का कनेक्शन गंगा नदी से हटाने की जरूरत है। जब तक सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं बन जाता तब तक जल निस्तारण को लेकर आबादी के अनुसार सोख्ता पीट का निर्माण कराया जाना चाहिए।

-कृष्ण मोहन कुमार, समाजसेवी

-----------

बड़े नाले की साफ सफाई और ब्लीचिग पाउडर का छिड़काव नियमित होना चाहिए। लोगों को भी अपने घरों में सोख्ता पीट बनवाना चाहिए। प्लास्टिक के प्रयोग से परहेज करने की जरूरत है। कूड़ा-कचरा का नालों में नहीं फेकना चाहिए।

-राकेश कुमार सिंह।

chat bot
आपका साथी