गंगा का जलस्तर बढ़ने से छोटी-छोटी नदियों में फैला पानी, लोगों की बढ़ी चिता

मुंगेर। गंगा के जलस्तर में वृद्धि से छोटी छोटी नदियों में गंगा का जल फैलने लगा है। जिसके कार

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 08:17 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 09:19 PM (IST)
गंगा का जलस्तर बढ़ने से छोटी-छोटी नदियों में फैला पानी, लोगों की बढ़ी चिता
गंगा का जलस्तर बढ़ने से छोटी-छोटी नदियों में फैला पानी, लोगों की बढ़ी चिता

मुंगेर। गंगा के जलस्तर में वृद्धि से छोटी छोटी नदियों में गंगा का जल फैलने लगा है। जिसके कारण प्रखंड के लोगों में चिता बढ़ने लगी है। लोगों का कहना है कि जिस गति से जल स्तर में वृद्धि हो रही है लगता है कि जुलाई महीना में ही कहीं बाढ़ का सामना लोगों को नहीं करना पड़े। इधर बीते दिनों हुई लगातार बारिश के कारण चौर क्षेत्र में भी पहाड़ी नदियों का जल चारों तरफ फैल गया है। जिससे लोगों को लगता है कि अगर गंगा का जलस्तर तेजी से फैला तो यह पानी से मिल जाएगा। निचले इलाकों में पानी फैल जाएगा। जिससे निचले इलाके में रहने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।ग्रामीणों का कहना है कि है जल स्तर की वृद्धि की गति बहुत धीमी है। जिसके कारण हाल-फिलहाल गांव में बाढ़ के पानी फैलने का खतरा नहीं है। लेकिन बारिश के कारण पहले से ही चौर क्षेत्र तथा नदियों में पानी का दबाव बढ़ जाने के कारण अगर गंगा के जलस्तर में थोड़ी सी भी तेजी आती है तो इससे प्रखंड के कई गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर सकता है ।लोगों का कहना है कि बारिश के पूर्व गंगा नदी का जल सड़क पर से दिखाई नहीं पड़ता था। लेकिन पानी खेतों में प्रवेश करते हुए गंगा नदी में बने छाड़न पर फैल गया है। तेज गति से पानी भागलपुर की ओर बढ़ रहा है। जिसके कारण लोगों को लगता है कि इससे कटाव भी शुरू हो सकता है। ग्रामीण पवन कुमार, दीपक कुमार, अर्जुन मंडल मंडल ,प्रभु सिंह त्यागी का कहना है कि बारिश के बंद होने के कारण ऊपर से पानी नहीं आने के कारण एक-दो दिनों में पानी के घटने की संभावना है। लेकिन अगर पानी नहीं घटता है तो लोगों को बाढ़ से बचाव के लिए प्रशासन से पहले अपनी व्यवस्था स्वयं करनी पड़ेगी। ग्रामीणों का कहना है कि दियारा के निचले इलाके में खेतों में पानी प्रवेश करने के कारण घास तथा सब्जियों के लतर गलना शुरू हो गया है। जिसके कारण पशुपालकों को सूखे इलाके से हरा चारा खरीद कर अपने पशुओं को खिलाना पड़ सकता है। इधर संभावित बाढ़ को देखते हुए प्रशासन भी पूरी तैयारी कर रही है । नाव का रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है। वहीं बाढ़ पीड़ितों को रहने के लिए ऊंचे स्थानों की जांच भी की जा चुकी है।संभावित बाढ़ को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। लोगों को इस आपदा से बचाने के लिए तैयारी में लगी हुई है।

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