षड आस्तिक दर्शनों में योगदर्शन का महत्वपूर्ण स्थान

मुंगेर। जहां हमारे विचार जन्मते हैं बनते हैं और जमे रहते हैं संस्कारों के रूप में। इसे

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 09:19 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 09:19 PM (IST)
षड आस्तिक दर्शनों में योगदर्शन का महत्वपूर्ण स्थान
षड आस्तिक दर्शनों में योगदर्शन का महत्वपूर्ण स्थान

मुंगेर। जहां हमारे विचार जन्मते हैं, बनते हैं और जमे रहते हैं संस्कारों के रूप में। इसे चित्त कहते हैं। चित्त एक प्रकार की भूमि है जहां विचार जन्मते हैं। यह चित्त रूपी भूमि भी पांच प्रकार की होती है। क्षिप्त, विक्षिप्त, मूढ़, एकाग्र एवं निरुद्ध। यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि योग केवल चित्त की एकाग्र एवं निरुद्ध अवस्था में ही संभव है। षड आस्तिक दर्शनों में योगदर्शन का महत्वपूर्ण स्थान है। चित्त वृत्ति निरोध को योग मानकर यम, नियम, आसन आदि योग का मूल सिद्धांत उपस्थित किए गए हैं। प्रत्यक्ष रूप में हठयोग, राजयोग और ज्ञानयोग तीनों का मौलिक यहां मिल जाता है। इस पर भी अनेक भाष्य लिखे गए हैं। आसन, प्राणायाम, समाधि आदि विवेचना और व्याख्या की प्रेरणा लेकर बहुत से स्वतंत्र ग्रंथों की भी रचना हुई। अभ्यास और वैराग्य, ईश्वर का प्रणिधान, प्राणायाम और समाधि, विषयों से विरक्ति आदि। यह भी कहा गया है कि जो लोग योग का अभ्यास करते हैं, उनमें अनेक प्रकार की विलक्षण शक्तियां आ जाती है। जिन्हें 'विभूति' या 'सिद्धि' कहते हैं। यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि ये आठों योग के अंग कहे गए हैं और योगसिद्धि के लिए इन आठों अंगों का साधन आवश्यक और अनिवार्य कहा गया है। इसके साथ ही उन्होंने सरस्वती विद्या मंदिर, दौलतपुर जमालपुर मे उपस्थित समिति के सदस्यों एवं विद्यालय परिवार को सातवें योग दिवस की बधाई दी। मंच संचालन का कार्य आचार्या पूनम कांति ने किया एवं योग की बारीकियों से अवगत कराया। कक्षा नवम की बहन सुहानी और सेजल ने आसन, योग और प्रणायाम करने का तरीका समस्त आचार्य, आचार्या को प्रस्तुत कर सिखाया। इस अवसर पर विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के सचिव सुधीर सिंह ने कहा कि योग से हमें उर्जा मिलती है। रोजाना योग करने से स्वास्थ्य अच्छा होता है और निरोग रहते हैं। सह सचिव उदय कुमार ने कहा कि 18 वर्षो से योग के लिए 15 से 25 मिनट निकाल कर योग करने से ही आज तक मैंने अस्पताल का मुंह नहीं देखा । आप भी सुबह अपने व्यस्ततम समय में कम से कम 10 से 25 मिनट निकालकर योग अवश्य करें।

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