परमानंद प्रसाद का जीवन संघर्ष छात्रों के लिए प्रेरणा श्रोत: कुलपति
मुंगेर। आरडी एंड डीजे कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्र व्याख्याता एवं स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय परमानंद
मुंगेर। आरडी एंड डीजे कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्र, व्याख्याता एवं स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय परमानंद प्रसाद का जन्म शताब्दी समारोह आरडी एंड डीजे कॉलेज मनाया गया। कार्यक्रम का संचालन आरडी एंड डीजे कॉलेज के संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विश्वजीत विद्यालंकार ने किया। इस अवसर पर स्व. परमानंद प्रसाद के जीवन, कृति तथा उनके शिक्षा एवं स्वतंत्रता संग्राम में किए योगदानों पर लिखी पुस्तक का लोकार्पण मुख्यातिथि मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रंजीत कुमार वर्मा ने किया। इस अवसर पर मुंगेर विश्वविद्यालय की प्रतिकुलपति डॉ. कुसुम कुमारी ने कहा कि कॉलेज की पहचान उनके विद्यार्थियों की सफलता से होती है। पूर्व छात्र शिक्षण संस्थानों के महत्वपूर्ण अंग होते हैं। इस अवसर पर कुलपति डॉ. रंजीत कुमार वर्मा ने परमानंद प्रसाद के जीवन के संघर्षों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि अध्ययन काल से ही राष्ट्र की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करना, जेल में रहते हुए भी अपनी पढ़ाई को पूरा करने का कार्य किया, छात्रों को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए। अर्थशास्त्र के प्रति उनके लगाव एवं लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से शोध कार्य करना, देश के आइएएस कैंडिडेट्स के प्रशिक्षक से सेल जैसी प्रतिष्ठित कंपनी के वित्तीय सलाहकार बनना आदि महान कार्य मात्र 47 वर्षो के जीवन में करना उनकी लगन एवं निष्ठा को दर्शाता है। आरडी एंड डीजे कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गोपाल प्रसाद यादव ने कहा कि जो दूसरों की सुरक्षा को अपनी सुरक्षा से अधिक महत्व देता हो वहीं सबसे महान व्यक्ति होता है। उन्होंने कर्म की महत्ता को बताते हुए इस बात पर जोर दिया कि सच्चे लगन से जिस कार्य में प्रयास करें, सफलता अवश्य मिलेगी। इसी कर्म सिद्धांत के उदाहरण हैं हमारे पूर्व छात्र स्व परमानंद प्रसाद। इस अवसर पर शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. गोपाल प्रसाद चौधरी, जेएमएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. देवराज सुमन, मुंगेर विश्वविद्यालय के कॉलेज इंस्पेक्टर प्रो. बीसी पांडेय, पूर्व डीएसडब्लू प्रो. कमल किशोर सिन्हा, वर्तमान डीएसडब्लू अनूप कुमार, मानविकी के डीन प्रो मंजू गुप्ता, प्रो. सुनील कुमार गुप्ता, प्रो. रंजना सिंह, प्रो विद्या चौधरी, प्रो. मयंक मधुकर, प्रो लव सिंह, प्रो. अनीस अहमद, प्रो. मुनींद्र कुमार सिंह, प्रो. कृपाशंकर पांडेय, प्रोफेसर अवनीश चंद्र पांडेय, प्रोफेसर निलय श्री, प्रो. राजीव कुमार, प्रोफेसर एम के सिन्हा आदि मौजूद थे।