श्रमिक नीतियों के विरोध में सड़क पर उतरे ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधि
मुंगेर। केंद्रीय श्रम संगठनों के आह्वान पर आयोजित राष्ट्रव्यापी हड़ताल का मुंगेर में मिलाजुला
मुंगेर। केंद्रीय श्रम संगठनों के आह्वान पर आयोजित राष्ट्रव्यापी हड़ताल का मुंगेर में मिलाजुला असर रहा। हड़ताल का आम जनजीवन पर कोई खास असर नहीं पड़ा। आम दिनों की तरह बाजार में दुकानें खुली रही। वहीं, वाहनों का परिचालन भी सामान्य रहा। हालांकि, अधिकांश बैंकों में कामकाज पूरी तरह से ठप रहा। वहीं, कई जगहों पर डाकघर के कर्मियों ने केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की। इधर, हड़ताल के समर्थन में विभिन्न श्रमिक संगठनों और राजनीतिक संगठनों ने मुंगेर रेलवे स्टेशन से आक्रोश मार्च निकाला। आक्रोश मार्च में बड़ी संख्या में श्रमिक एवं विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। आक्रोश मार्च शहर के प्रमुख मार्गों का भ्रमण करते हुए शहीद स्मारक पहुंच कर आमसभा में तब्दील हो गई। आक्रोश मार्च का नेतृत्व एआइयूटीयूसी के राज्य अध्यक्ष कॉमरेड प्रमोद कुमार, एटक के संजीवन कुमार सिंह, एआइसीसीटीयू अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ गोपगुट के सतीश प्रसाद सतीश, टीयूसीसी के देवेंद्र कुमार शर्मा, निजीकरण विरोधी मोर्चा के जुगल किशोर यादव, सीपीआइ के जिला सचिव कामरेड दिलीप कुमार, एसयूसीआइ के जिला सचिव कृष्णदेव साह, राजद के जिलाध्यक्ष देवकीनंदन सिंह आदि ने किया। इस दौरान प्रदर्शन में शामिल श्रमिक श्रम कानून में मालिक के पक्ष में बदलाव वापस करो, सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण बंद करो, मजदूर विरोधी कानून वापस लो, समान काम का समान वेतन लागू करो आदि नारे लगा रहे थे। सभा की अध्यक्षता कामरेड प्रमोद कुमार ने की। सभा को लखन कुमार, मशीउदीन, एआईएमएसएस की विभा कुमारी, एआइडीवाईओ के देवानंद मंडल, एआइकेएमएस के भरत मंडल, प्रो. शब्बीर हसन, फैज खान, रवि प्रशांत राय, दीपक कुमार, विजय रजक, रवि प्रशांत राय आदि ने संबोधित किया।
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बोले एलडीएम
बैंक कर्मियों के एकदिवसीय हड़ताल के कारण लगभग 28 करोड़ का व्यवसाय प्रभावित हुआ है। बैंक कर्मी पेंशन, बैंक निजीकरण बंद करने सहित अन्य मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे।
अमिताभ प्रमाणिक, एलडीएम