प्रवासी मजदूरों को नहीं लुभा पा रही है मनरेगा

मुंगेर। कोरोना महामारी को लेकर हुई लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों से आए मजदूरों के

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Jun 2020 06:20 PM (IST) Updated:Fri, 05 Jun 2020 06:26 PM (IST)
प्रवासी मजदूरों को नहीं लुभा पा रही है मनरेगा
प्रवासी मजदूरों को नहीं लुभा पा रही है मनरेगा

मुंगेर। कोरोना महामारी को लेकर हुई लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों से आए मजदूरों के लिए घर पर ही रोजगार मिल पाना एक बड़ी समस्या बन गई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार धरहरा प्रखंड में अब तक 2250 मजदूर अन्य राज्यों से आए हैं।

सरकार के मुखिया से लेकर मंत्री, अधिकारी प्रवासी को गांव में रोजगार देने की बात कर रहे हैं। लेकिन, स्कील्ड मजदूरों को कहां रोजगार दिया जाए? यह सवाल अधिकारियों के लिए सिरदर्द बन गया है। इधर मनरेगा भी प्रवासी मजदूरों को आकर्षित करने में विफल हो रहा है। वर्तमान में केंद्र सरकार ने मनरेगा मजदूरों का मजदूरी 194 से 202 रुपये कर दिया है। लेकिन, यह बढ़ी हुई मजदूरी भी मनरेगा में काम करने के लिए प्रवासियों को आकर्षित नहीं कर पा रही है।

धरहरा प्रखंड में 2250 प्रवासी मजदूरों में से मनरेगा योजना में 250 मजदूरों का जॉब कार्ड बनाया गया है। जिसमें मात्र 70 प्रवासी मजदूरों को मनरेगा योजना में रोजगार दिया गया है। मनरेगा के तहत प्रखंड में डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 35 योजनाएं संचालित हैं। प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी रामानुज कुमार प्रवासी मजदूरों को घर-घर जाकर मनरेगा योजना में कार्य के लिए कह रहे हैं। लेकिन, प्रवासी मनरेगा योजना में कम मजदूरी मिलने की बात कह रहे हैं। मनरेगा योजना में काम करने को लेकर प्रवासी मजदूरों में उत्साह नहीं दिख रहा है। धरहरा प्रखंड में एक भी उद्योग नहीं रहने के कारण स्कील्ड मजदूरों को रोजगार दिलाना दिवास्वप्न के सामान है। प्रखंड के कई पढ़े लिखे मजदूरों ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान हुई परेशानी के कारण परदेस नहीं जाना चाहते है। लेकिन रोजगार का कोई साधन नजर नहीं आ रहा है। यहां रोजगार के लिए बैंकों द्वारा भी लोन नहीं दिया जा रहा है।

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क्या कहते हैं पीओ

प्रवासी मजदूरों का जॉब कार्ड बनाया जा रहा है। इच्छुक मजदूरों को रोजगार दिया जाएगा। अब तक 250 मजदूरों का जॉब कार्ड बनाया गया है। 70 मजदूरों को मनरेगा में रोजगार दिया गया है। प्रवासी मजदूरों में स्कील्ड मजदूरों की संख्या अधिक है, जो अन्य प्रदेशों में कल कारखाने में काम करते थे। ऐसे मजदूरों का मनरेगा योजना के कार्यो में दिलचस्पी नहीं के बराबर है।

रामानुज कुमार, पीओ, मनरेगा, धरहरा

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प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के साथ प्रखंड में अन्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में रोजगार देने के निर्देश दिए गए हैं।

डॉ. प्रभात रंजन, बीडीओ, धरहरा

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