मात्र एक शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहा मदरसा

- एक एक कर रिटायर करते गए शिक्षक नहीं हुई नियुक्ति संवाद सूत्र तारापुर (मुंगेर)

By JagranEdited By: Publish:Sat, 07 Dec 2019 07:56 PM (IST) Updated:Sat, 07 Dec 2019 07:56 PM (IST)
मात्र एक शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहा मदरसा
मात्र एक शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहा मदरसा

- एक एक कर रिटायर करते गए शिक्षक, नहीं हुई नियुक्ति

संवाद सूत्र, तारापुर (मुंगेर) : अनुमंडल के गाजीपुर में संचालित मदरसा मदनीतुल ओलूम संसाधन की कमी से जूझ रहा है। यह अनुमंडल का एकमात्र मदरसा है, जिसमें मौलवी यानी इंटरमीडिएट समकक्ष की पढ़ाई होती है।

मदरसा मदीनतुल ओलूम बिहार राज्य मदरसा बोर्ड से संचालित है। इसमें फिलहाल 127 बच्चे विभिन्न कक्षाओं में नामांकित हैं। उर्दू माध्यम में यहां हिदी, अंग्रेजी, इतिहास, गणित, विज्ञान, भूगोल सभी विषयों के साथ साथ अरबी, फारसी और उर्दू की पढ़ाई होती है। मदरसा में कभी छह शिक्षक की पदस्थापना थी। एक एक कर पांच शिक्षक सेवानिवृत्त हो गए। वर्तमान समय में मात्र प्रभारी प्रधानाध्यापक मु. शमीम अहमद कार्यरत हैं। वर्तमान में कक्षा नौ दस एवं ग्यारहवीं में कोई छात्र नामांकित नहीं है। लेकिन, इस वर्ष 58 छात्रों ने मैट्रिक समक्ष फोकनियां एवं 18 छात्र इंटर समक्ष मौलवी के लिए आवेदन फॉर्म जमा किए हैं।

स्कूल में बच्चों को बैठने के लिए जमीन छोड़ कुछ नहीं है। मौलवी के लिए एक पुरानी कुर्सी और छोटा सा टेबल है। भवन जर्जर और गंदगी से भरा था। बच्चे विद्यालय में दिखे पर हाथों में किताब की जगह गुल्ली खेलते और खिड़कियों पर कूदते ही दिखे। सरकार द्वारा पोशाक राशि मिलने के बावजूद वे बिना ड्रेस के मैले कुचैले कपड़ों में ही मदरसा में उपस्थित थे। मौलवी कभी भोजन की निगरानी तो कभी बच्चों को डांटने डपटने के लिए इधर उधर भाग रहे थे। गुसलखाना पुराना और कामचलाऊ था।

मौलवी शमीम अहमद ने कहा कि स्थानीय स्तर पर मदरसा की देखरेख के लिए कमेटी है। जिसके सदर (अध्यक्ष) सदरूज्ज्मा एवं सचिव नुरूजज्ज्मा हैं। जन प्रतिनिधि और अधिकारी मदरसा का हाल जानने भी नहीं पहुंचे हैं। मदरसा के सदर सदरूज्ज्मा ने कहा कि मदरसा बोर्ड की तरफ से राशि नहीं मिल रही है। मौलवी की बहाली नहीं हुई है। स्थानीय स्तर पर चंदा से उतनी बड़ी बड़ी व्यवस्था करना मुमकिन नहीं है। मदरसा बोर्ड को समस्या से कमेटी ने अवगत कराया है। अनुमंडल स्तर पर स्थापित एकमात्र मदरसा में बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। सभी प्रकार के संसाधन का अभाव इसका जीता जागता प्रमाण है।

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