एक चिकित्सक के भरोसे चलता है पशु अस्पताल
-नाइट गार्ड का पद वर्षो से रिक्त -दवा भंडारण को प्रदर्शित सूची में नहीं करते है अंकित सं
-नाइट गार्ड का पद वर्षो से रिक्त
-दवा भंडारण को प्रदर्शित सूची में नहीं करते है अंकित
संवाद सूत्र, धरहरा (मुंगेर): प्रथम वर्गीय पशु अस्पताल धरहरा में बीमार पशुओं के उपचार की उचित व्यवस्था नहीं है। प्रखंड के लगभग 50 हजार पशुओं के इलाज के लिए इस अस्पताल में मात्र एक चिकित्सक व एक परिसहायक पदस्थापित है। जबकि नाइट गार्ड का पद वर्षो से रिक्त है। पदस्थापित चिकित्सक के मीटिग में चले जाने के कारण अस्पताल की जिम्मेवारी परिसहायक ही निभाते हैं। परिसहायक ही पशुओं का इलाज करने के साथ ही दवाइयां भी देते हैं। सरकार के निर्देश के आलोक में 17 प्रकार की दवाइयां उपलब्ध कराती है। इस बाबत प्रखंड भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि सभी 17 प्रकार की दवाइयां प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। लेकिन विभाग की ओर से प्रदर्शित दवा सूची में दवा भंडारण की सूची में उपलब्ध दवा को अंकित करना यहां के अधिकारी मुनासिब नहीं समझते हैं। शनिवार को भंडार सूची में दवा की उपलब्धता को नहीं दर्शाया गया था। अस्पताल में अब तक पानी की सुविधा उपलब्ध नहीं कराया गया है। जिसके कारण चिकित्सक और पशुपालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण शौचालय भी बेकार हो गया है। शौच के लिए कर्मियों के साथ ही पशुपालकों को इधर-उधर भटकना पड़ता है।
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क्या कहते हैं पशुपालक
महरना निवासी सुरेंद्र यादव, बड़ी गोविदपुर निवासी शंकर यादव ने बताया कि इलाज के नाम पर खानापूर्ति की जाती है। इटवा निवासी मिलन पटेल, भलार निवासी राजेश यादव ने बताया कि अस्पताल में एक चिकित्सक पदस्थापित होने के कारण कभी भी कॉल करने पर चिकित्सक पशु को देखने के लिए नहीं आते है। बीमार पशुओं को उतनी दूर तक ले जाना संभव नहीं है।
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क्या कहते हैं चिकित्सक
दवाइयां प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। पानी की समस्या बनी हुई है। एक चिकित्सक होने के कारण क्षेत्र जाने में दिक्कत होती है।
डॉ. रजनीश कुमार
भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी, धरहरा