धान रोपनी को किसान और खेत तैयार, पानी लगा रहा ब्रेक

-इंद्ररुख भलार रामपुर वलीपुर फरदा सहित कई गांव के किसानों की बढ़ी परेशानी -इन गा

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 06:23 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 06:23 PM (IST)
धान रोपनी को किसान और खेत तैयार, पानी लगा रहा ब्रेक
धान रोपनी को किसान और खेत तैयार, पानी लगा रहा ब्रेक

-इंद्ररुख, भलार, रामपुर, वलीपुर, फरदा सहित कई गांव के किसानों की बढ़ी परेशानी

-इन गांव में अभी तक बहुत कम एकड़ में रोपनी की चल रही तैयारी, डीजल पंप से बढ़ रहा खर्च -------------------------

-12 सौ एकड़ में होती है धान की खेती

-25 एकड़ धान रोपनी की हुई है तैयारी

-08 से 10 हजार पटवन पर आ रहा खर्च

-15 दिन धान रोपनी का बचा हुआ है समय

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संवाद सहयोगी, जमालपुर (मुंगेर) : धान रोपनी के लिए किसानों ने खेत को तैयार कर लिया है। खेत की जोताई भी हो गई है। लेकिन, पानी नहीं मिलने से अभी तक रोपनी का काम शुरू नहीं हो सका है। इससे किसानों की परेशानी और बढ़ गई है। डीजल पंप से किसान खेतों का पटवन करते हैं तो खर्च ज्यादा बैठता है। ऐसे में किसान बारिश की आस लगाए बैठे हैं।

जमालपुर प्रखंड के रामपुर, फरदा, भलार, वलीपुर, हलिमपुर, इंद्ररुख में हर वर्ष धान की अच्छी पैदावार होती है। मानसून से पहले लगातार हुई बारिश से इस बार किसानों में धान की पैदावार के लिए आस जगी थी। लेकिन, प्री-मानूसन में अच्छी बारिश नहीं होने से किसानों के उम्मीदों पर पानी फिर गया। इन गांवों के किसान संजय सिंह, भरत सिंह, सुकेश सिंह, शंभू सिंह, सुबोध, उमेश, कल्लू ठाकुर और आनंदी बताते हैं कि धान रोपनी का समय निकलता जा रहा है। जरूरत के अनुसार खेतों में पानी नहीं होने से किसान जैसे-तैसे रोपनी कर रहे हैं। इन गांवों में लगभग 12 सौ एकड़ धान की खेती हर वर्ष होती है। पर, अभीतक महज 23 से 25 एकड़ में ही किसान रोपनी की तैयारी कर रहे हैं। इन गांवों के किसानों को बारिश का इंतजार है। किसानों ने बताया कि डीजल महंगा होने से प्रति एकड़ आठ से 10 हजार रुपये खर्च आ रहा है। 15 दिन और रोपनी का समय बचा हुआ है।

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सिचाई की व्यवस्था बेतहर को लेकर समस्या

संवाद सहयोगी जमालपुर (मुंगेर) : इस्पात मंत्रालय के पूर्व सलाहकार सदस्य व बिहार वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विपुल सिंह नक्सल प्रभावित धरहरा प्रखंड में सिचाई की उत्तम व्यवस्था को लेकर पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह से मिलकर क्षेत्र की समस्याओं से अवगत कराया। नक्सल प्रभावित धरहरा प्रखंड प्रकृति की गोद में बसा है जहां सिचाई के अभाव में एक भी फसल ठीक से नहीं हो पाता हजारों किसानों के इस जटिल समस्या के निराकरण को लेकर पूर्व कृषि मंत्री लिखित व मौखिक रूप से इस दिशा में पहल करने की मांग की गई। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि किसानों की समस्याओं को लेकर राज्य और केंद्र सरकार के कृषि मंत्री को भी अवगत कराया जा रहा है। विकास के मामले में पिछड़े धरहरा प्रखंड को पटरी पर लाने को लगातार काम किया जा रहा है।

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