मुसलमानों के साथ नाइंसाफी का पर्याय है नागरिकता संशोधन बिल

मुंगेर। नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में जमियत उलमा ए हिद की जिला इकाई की ओर से मौ

By JagranEdited By: Publish:Fri, 13 Dec 2019 07:10 PM (IST) Updated:Fri, 13 Dec 2019 07:10 PM (IST)
मुसलमानों के साथ नाइंसाफी का पर्याय है नागरिकता संशोधन बिल
मुसलमानों के साथ नाइंसाफी का पर्याय है नागरिकता संशोधन बिल

मुंगेर। नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में जमियत उलमा ए हिद की जिला इकाई की ओर से मौन जुलूस निकाला गया। मौन जुलूस तोपखाना बाजार से निकल कर शहर के मुख्य मार्ग होते हुए समाहरणालय तक पहुंचा। जुलूस का नेतृत्व जमीयत उलमा ए हिद के जिलाध्यक्ष मौलाना अब्दुल्लाह बुखारी ने किया। समाहरणालय के समीप पहुंच कर जुलूस आम सभा में तब्दील हो गई।

सभा को संबोधित करते हुए मौलाना अब्दुल्लाह बुखारी ने कहा कि भारत एक धर्म निरपेक्ष राष्ट्र है। धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र में नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 लाकर मुसलमानों के साथ नाइंसाफी किया जा रहा है। इसका देश की एकता, अखंडता एवं भाईचारे पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 14 एवं 15 में हर व्यक्ति को कानून समानता देती है । जातीय तथा धर्म के आधार पर बंटवारा करना कहीं से सही नहीं है। इत्तेहाद कमेटी के संरक्षक जफर अहमद ने कहा कि यह बिल असम समझौते 1985 का उल्लंघन है। हम लोग नागरिकता संशोधन बिल का बहिष्कार करते हैं । राजद जिलाध्यक्ष प्रमोद यादव, सपा जिलाध्यक्ष पप्पू यादव, सीपीआइ के जिला सचिव दिलीप मंडल ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक काला कानून है। हमलोगों की पार्टी के नेता सदन में इस काले कानून का विरोध कर रहे हैं। अताउल्लाह बुखारी ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक संविधान के विरुद्ध है। इस अवसर पर एहतेशाम आलम, कांग्रेस के जाहिद अली ,रज्जाक, इरशाद अली, जदयू नेता आलम, साकिर सिद्?दकी, महफूज आलम ,मंटू शर्मा, दिलीप मंडल, बम यादव सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।

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