इलाज के नाम पर चंदा उगाही करने वालों पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश
संवाद सूत्र मुंगेर मासूम बच्ची के नाम पर चंदा उगाही कर राशि का गबन करने के मामले में
संवाद सूत्र, मुंगेर : मासूम बच्ची के नाम पर चंदा उगाही कर राशि का गबन करने के मामले में डीआइजी शफी उल हक ने पूरबसराय ओपीध्यक्ष को आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। दिलावरपुर निवासी मरहूम मु. आलम की पत्नी गुड़िया खातून ने बुधवार को डीआइजी कार्यालय पहुंच कर डीआइजी को अपनी आपबीती सुनाई। गुड़िया ने डीआइजी से कहा कि मैं काफी गरीब हूं। दूसरों के घरों में चौका-वर्तन कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही हूं। इसी बीच मेरी 14 वर्षीय बेटी आफरीन को ब्रेन ट्यूमर हो गया। मुहल्ला में चंदा कर थोड़े दिन इलाज कराया, बाद में मैं इलाज करने में असमर्थ हो गई। डॉक्टरों ने आफरीन को इलाज के लिए कोलकाता ले जाने की सलाह दी थी। तभी मददगार बन कर मुहल्ले का अली फैसल खान आया और उसे कोलकाता ले जाने को तैयार हुआ। मैंने भी हां कर दिया। उसने मेरा आधार कार्ड, एलआइसी का कागजत लेकर मेरी बेटी को लेकर कोलकाता गया। वहां मेरी बेटी का क्या इलाज हुआ, इसकी जानकारी भी मुझे नहीं दी गई। उसने मेरी बेटी के इलाज के नाम पर चंदा किया और उसका नाजायज इस्तेमाल करने लगा। इलाज में अनदेखी करने के कारण आफरीन की मौत मुंगेर के एक निजी अस्पताल में 27 अक्टूबर 2020 को हो गई। मृत्यु के उपरांत खर्च एवं इलाज का हिसाब मांगा तो उसने डांट कर भगा दिया। 30 अक्टूबर को समाज के लोगों की बैठक हुई, तो आरोपितों ने मेरे साथ मारपीट की। उल्टे मेरे उपर एक मामला कोर्ट में दर्ज करवा दिया। मेरी दूसरी बेटी को भी धमकी दी जा रही है। अभी भी वह ऑनलाइन चंदा उगाही कर रहा है। इसलिए उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। डीआइजी ने इस मामले को गंभीरता से लिया और पूरबसराय ओपी पुलिस को मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
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क्या है पूरा मामला
गुड़िया खातून की बेटी का जब तबीयत खराब हुआ तो इलाज का भरोसा दिला कर बीमार आफरीन की फोटो के साथ अपना फोटो लगाकर इधर-उधर भेज दिया और लोगों से मदद करने की अपील की गई। गुड़िया खातून की मानें तो लाखों रुपये चंदा वसूला गया, लेकिन पैसे के अभाव में आफरीन का बेहतर इलाज नहीं हुआ और उसकी मौत हो गई। गुड़िया ने कहा कि मेरी बेटी के इलाज के नाम पर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की गई। छह माह से हमलोग इलाज के लिए परेशान रहे। कई बार मैंने उस लड़के से चिकित्सकों का कागज मांगा कि मैं अपनी बेटी का इलाज दिल्ली व कोलकाता में जा कर कराऊंगी, लेकिन कागजात तक नहीं दिया गया। आखिरकार मेरी बेटी आफरीन की मौत हो गई। मेरी बेटी का डेथ सर्टिफिकेट तक नहीं दिया गया। 30 अक्टूबर को मैं पूरबसराय ओपी में आवेदन देने गई, तो वहां से भगा दिया गया। एसपी कार्यालय में भी आवेदन देकर एफआइआर दर्ज करने का गुहार लगाया, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
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बोले डीआइजी
यह गंभीर मामला है। ऐसे मामले में तुरंत मुकदमा दर्ज कर दोषियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए थी। जब यह मामला मेरे संज्ञान में आया तो मैंने पूरबसराय ओपी प्रभारी को मुकदमा दर्ज कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
शफी उल हक, डीआइजी, मुंगेर