वेतन के लिए फिर हड़ताल पर निगम कर्मी, नहीं हुआ कूड़े का उठाव
मुंगेर । हाइकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद नगर निगम के कर्मचारी हड़ताल पर लौटे थे अब तीन माह
मुंगेर । हाइकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद नगर निगम के कर्मचारी हड़ताल पर लौटे थे, अब तीन माह से बकाए वेतन की मांग को लेकर फिर से कामकाज बंद कर दिया है। नगर निगम कार्यालय में प्रदर्शन कर एकजुटता का परिचय दिया। वेतन की मांग की लेकर सोमवार से नगर निगम के सफाई कर्मी सहित अन्य कर्मी हड़ताल पर चले गए। शहर में एक सप्ताह पहले की तरह फिर से स्थिति होने की उम्मीद है। सोमवार को शहर से कूड़े का उठाव नहीं हुआ। डोर टू डोर कूड़ा लेने कर्मी नहीं गए। कचरा नहीं उठने की वजह से शहर की सड़कों पर जहां तहां कचरे का ढेर लग गया है। सफाई के लिए यहां से गाड़ियां नहीं निकल पाईं। सड़कों पर कचरा पसरे रहने के कारण लोग नाक-मुंह बंद कर चल रहे हैं। पहले दिन 60 टन कूड़े का उठाव नहीं हुआ है। शहर में गंदगी भर गई है। गंदगी का आलम यह है कि लोग सड़कों पर नाक बंद कर चलने को मजबूर हैं। एक तरह योगनगरी फिर से कचरानगरी बनने की राह पर चल पड़ा है। पूरा शहर गंदगी और दुर्गंध से बजबजा रहा है। जिला प्रशासन कोई कदम नहीं उठाता तो हालत बदतर हो जाएगी। दरअसल, नगर आयुक्त का पद दो माह से रिक्त है, एडीएम को नगर आयुक्त का प्रभार सौंपा गया है। वितीय प्रभार नहीं मिलने के कारण कर्मचारियों के वेतन का भुगतान नहीं हो रहा है। कर्मचारी यूनियन के महामंत्री ब्रहमदेव महतो ने कहा कि तीन माह से वेतन का भुगतान नहीं होने से कर्मियों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। वेतन भुगतान पर जबतक सहमति नहीं बनती है कामकाज पूरी तरह ठप रहेगा। यूनियन के महामंत्री ने साफ कहा है कि जब तक मांग पर विचार नहीं किया गया हड़ताल इसी तरह जारी रहेगी। ---------------------------------------- पेयजल आपूर्ति बंद करने की चेतावनी कस्तूरबा वाटर वकर्स श्रमिक यूनियन के महामंत्री दिलीप कुमार ने कहा है कि कर्मचारियों को तीन माह से वेतन नहीं मिला है। ऐसे में भुखमरी की नौबत आ गई है। वेतन भुगतान के लिए कई बार कहा गया है। इसके बाद भी कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका है, इससे कर्मियों में काफी आक्रोश है। वेतन भुगतान नहीं किया गया तो किसी भी समय पेयजल आपूर्ति बंद कर सभी हड़ताल पर चले जाएंगे।